पीएम नरेंद्र मोदी नोटबंदी का कदम उठाकर इसे देश केे हित में बता रहे हैं पर इस कड़वी दवा का असर पड़ने लगा है। ग्रामीण इलाकों में दैनिक मजदूरी पर आधारित योजना मनरेगा को भी नोटबंदी ने जमकर प्रभावित किया है। रोजगार की गारंटी देने वाली इस स्कीम में पिछले महीने के मुकाबले नवंबर में 23 प्रतिशत रोजगार घटा है।
गरीबों के लिए लाई गई योजना मनरेगा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त आवंटन के बावजूद काम मांगने वालों की संख्या बढ़ने से सालभर के लिए आवंटित राशि खत्म हो गई है। गांव के गरीबों को रोजगार मुहैया कराने वाली योजना को आगे चलाने के लिए दस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।
एक दिल दहला देने वाली घटना में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक महिला इंजिनियर की जलाकर हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फिलहाल एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।