जन्माष्टमी के अवसर पर मुंबई एवं आसपास के इलाकों में दही हांडी समारोह के दौरान मानव पिरामिड बनाने के दौरान हुई दुर्घटना में दो ‘गोविंदाओं’ की मौत हो गई जबकि 117 ‘गोविंदा’ घायल हो गए।
करीब एक घंटे चले पुलिस की कार्रवाई में पुलिस ने बल प्रयोग के साथ मेधा पाटकर और अन्य साथियो को उठाकर एंबुलेंस में सवार कर दिया। मेधा पाटकर को ले जाने के बाद अनशनकारी और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने गिरफ्तारी दी।
यह कैसा तुगलकी फरमान है। लोग कुत्तों के काटने से मर सकते हैं लेकिन कुत्तों को नहीं मार सकते। किसानों की फसलें नष्ट हो सकती हैं लेकिन पशुओं को नहीं बांध सकते। अन्यथा मुकदमा दर्ज हो जाएगा।