एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में ताइवान की तरफ से गलती से चीन की ओर एक पोत रोधी सुपरसोनिक मिसाइल दागने का मामला सामने आया है। हालांकि 75 किमी की दूरी तय करने के बाद मिसाइल ताइवान समुद्री क्षेत्र में ही गिर गया। यह घटना चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 95वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध किए जाने के बीच सामने आई है।
भारत ने शुक्रवार को इस्राइल के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई सतह से हवा में मार कर सकने वाली नई मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। इससे एक दिन पहले ही ऐसे परीक्षण के दो चरणों को अंजाम दिया गया था।
भारत का पहला एकीकृत रक्षा संचार नेटवर्क गुरुवार को दिल्ली में शुरू किया गया। इसकी मदद से थलसेना, वायु सेना, नौसेना और विशेष बल कमान शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए परिस्थिति के अनुसार जानकारी साझा करेंगे।
भारत ने इस्राइल के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई सतह से हवा में मार करने वाली एक नई मिसाइल का गुरुवार को सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के तट के पास स्थित रक्षा ठिकाने से किया गया। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि मध्यम दूरी की मिसाइल :एमआर-एसएएम: भारत और इस्राइल के साझा उपक्रम का एक उत्पाद है। इसे चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सुबह लगभग आठ बजकर 15 मिनट पर एक मोबाइल लाॅन्चर की मदद से दागा गया। उन्होंने कहा, यह प्रायोगिक परीक्षण सफल रहा और इसने सभी लक्ष्य पूरे कर लिए।
स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली की गोपनीयता के खिलाफ वैश्विक स्तर पर चल रहे अभियान के बीच स्विस बैंकाें में भारतीयों की जमा राशि करीब एक-तिहाई यानी 33 प्रतिशत घटकर 1.2 अरब फ्रैंक :करीब 8,392 करोड़ रुपये: रह गई है।
केंद्र सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को हथियार बनाने का लाइसेंस जारी कर दिया है। इंदौर के पास बसे औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में धीरूभाई अंबानी डिफेंस पार्क के लिए कंपनी बहुत दिनों से प्रयासरत थी।
भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल हो गया। इसके बाद भारत आधुनिक तकनीक की मिसाइलों के मामले में चीन और पाकिस्तान से आगे हो गया हैं। इसके अलावा एनएसजी के लिए भी उसका दावा और मजबूत हुआ है। भारत ने कहा है कि इस समूह में उसका प्रवेश वैश्विक अप्रसार शर्तों को बढ़ाने के लिए परस्पर फायदेमंद होगा।
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।