जीएसटी के सुचारू कार्यान्वयन के लिए 18 क्षेत्रीय (सेक्टरल) समूहों का गठन किया गया। इस समूह में अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर (क्षेत्रों) के प्रतिनिधित्व के लिए केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को रखा गया है।
जीएसटी को लागू करने की समय सीमा एक जुलाई बहुत दूर नहीं है। एक महीने से भी कम वक्त बचा है, जबकि अभी तक 7 राज्यों ने जीसटी को पारित ही नहीं किया है। इनमें से अधिकतर गैर भाजपा शासित राज्य हैं।
देशभर में कई जगहों पर NIA की छापेमारी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हुर्रियत के कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया है। गौरतलब है कि छापों के बाद कई अलगाववादियों के पाकिस्तान से फंड लेने के बात सामने आ रही है। इनके बाद पुलिस ने हुर्रियत के कई नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया है।
सोने पर तीन फीसदी, टैक्सटाइल्स पर छह फीसदी, पैंकिंग वाला खाद्य उत्पादों पर पांच फीसदी, सोलर पैनल, कृषि मशीनों पर पांच फीसदी, बिस्कुट पर 18 फीसदी और बीडी पर 28 फीसदी व तेंदुपत्ते पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन दरों को मंजूरी दे दी गई। इसी के साथ टांजिशन प्रोवजंस व रिटर्न समेत बाकी नियमों को हरी झंडी दे दी गई। सभी राज्य पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने पर सहमत हो गए हैं। काउंसिल की अगली बैठक 11 जून को होगी।
साउथ फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता और निर्माता कमल हासन ने एक ओर जहां एक भारत, एक कर (जीएसटी) का समर्थन किया है। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने कहा कि जीएसटी बिल फिल्मी बिजनेस को बरबाद कर देगा। इस पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देंगे।
महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद आज अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। ये किसान महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी और फसलों के बेहतर दाम की मांग कर रहे थे।
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर मोदी सरकार को नसीहत दी है। स्वामी ने इसकी तुलना वॉटरलू के युद्ध से की है। उन्होंने मोदी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अभी के आर्थिक हालात को देखते हुए जीएसटी लागू करना खतरनाक साबित हो सकता है।
राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा के मोर और मोरनी वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बनाया जा रहा है। जज ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पक्ष में तर्क देते हुए कहा था कि मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहा है।
जीएसटी पर केंद्र की तैयारियों को लेकर दिल्ली सरकार ने सवाल खड़े किए हैं। दिल्ली सरकार का मानना है कि जीएसटी देश के लिए अहम टैक्स सुधार है लेकिन जल्दबाजी में लागू करने से इसका मकसद विफल हो सकता है।