सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश: