नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में दुष्कर्म, हत्या जैसे संगीन अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार मध्यप्रदेश को शांत राज्य मानती है। शांत राज्यों का मतलब है कि वो राज्य जहां लॉ एंड ऑर्डर नियंत्रण में हो। मध्यप्रदेश में नक्सली और सिमी की गतिविधियां पिछले साल की तुलना में बढ़ी हैं, फिर भी यह शांत राज्य का तमगा लिए हुए है।
बंगाल के लोग सभ्य और समझदार माने जाते हैं। बंगाल जहां के राजा राम मोहन राय ने विधवा विवाह की शुरुआत की थी। बंगाल ने समाज में सती प्रथा को समाप्त करने के लिए अग्रणी भूमिका निभायी थी। आज उसी बंगाल में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। एक समय दहेज प्रथा व महिला के सम्मान के लिए विश्व में आवाज उठाने वाला बंगाल आज खुद दहेज प्रथा की चपेट में है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी ) की रिपोर्ट का दावा है।
देश में महिलाओं की अस्मत के सबसे बड़े दुश्मन कोई गैर नहीं, बल्कि उनके सगे-संबंधी और जान-पहचान के लोग बने हुए हैं। समाज में नैतिक गिरावट और मानसिक विकृतियों के खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो :एनसीआरबी: के आंकडे़ बताते हैं कि वर्ष 2015 में बलात्कार के 95.5 प्रतिशत पंजीबद्ध मामलों में आरोपी पीड़ित महिलाओं के परिचित थे।
मध्यप्रदेश की पुलिस गोली मारने में नंबर वन है। शांत मध्यप्रदेश की पुलिस के बारे में ऐसी सूचना लोगों को अवश्य आश्चर्य में डाल देगी। देश में मध्यप्रदेश की गणना उन राज्यों में होती है, जो आमतौर पर शान्त माने जाते हैं। लेकिन एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो अपराध के मामलों में मध्यप्रदेश शीर्ष पर नजर आता है।
यह सुनने में भले ही अजीब लग सकता है, लेकिन छोटी, बड़ी सभी चोरियों को साथ मिला दें तो देश में 2015 के दौरान 8,210 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों की चोरी की गई।