नीति आयोग ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया है। जिसके मुताबिक कर्नाटक देश का सबसे भ्रष्ट राज्य है। वहीं हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ को सबसे कम भ्रष्ट राज्य माना गया है।
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का इरादा नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मैंने नीति आयोग की रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें कृषि आय पर कर लगाने की बात कही गई है। इस पर किसी तरह का भ्रम पैदा हो इससे पहले मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का कोई इरादा नहीं है। जेटली ने कहा कि संविधान में प्रदत्त शक्तियों के आधार पर सरकार के पास कृषि आय पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंंबर को नीति आयोग की बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेंगे और आर्थिक वृद्धि को गति देने के उपायों पर चर्चा करेंगे। नोटबंदी के बाद नकदी की तंगी के बीच यह बैठक हो रही है।
नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि मौजूदा सरकार की विमुद्रीकरण की नीति एक क्रांति है, जिससे निसंदेह देश तरक्की करेगा। कांत के अनुसार विमुद्रीकरण के बाद देश के बैंकों में डिपोजिट बढ़ेगी जिससे काफी सारे लाभ होंगे। मसलन ब्याज दरों में कमी आएगी। बाजार के तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा। आयकर स्लैब में कमी आएगी। कांत ने कहा कि विमुद्रीकरण से पहले 86 फीसदी धन का लेन देन कैश में हाेेता था। जिसमें भ्रष्टाचार और लीकेज की आशंका अधिक थी। विमुद्रीकरण के बाद इनमें कमी आएगी। ई कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में धन का लेन देन पारदर्शी बन सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के तीव्र परिवर्तन के बारे में विचार प्रकट करते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके लिए देश को कानूनों में बदलाव, अनावश्यक औपचारिकताओं को समाप्त करने और प्रक्रियाओं को तीव्र करने की आवश्यकता है क्यों कि केवल रत्ती-रत्ती प्रगति से काम नहीं चलेगा। मोदी ने नीति आयोग की ओर से यहां आयोजित भारत परिवर्तन विषय पर पहला व्याख्यान देते हुए कहा कि यदि भारत को परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना है तो केवल थोड़ा-थोड़ा आगे बढने से काम नहीं चलेगा। आवश्यकता कायाकल्प की है। इसलिए देश के संबंध में मेरा विचार है कि यहां तीव्र परिवर्तन होने चाहिए।
आर्थिक विकास को रफ्तार देने और भारत को तेजी से बदलने के लिए कानून में बदलाव करने, गैरजरूरी प्रक्रिया को खत्म करने और मात्र वृद्धिशील प्रगति से आगे सोचने की जरूरत बताई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। नीति आयोग में `ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया` शीर्षक से आयोजित लेक्चर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, `अगर भारत को बदलाव के लिए चुनौतियों का सामना करना है, तो सिर्फ वृद्धिशील प्रगति ही काफी नहीं है। आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। इसलिए मेरा विजन तेजी से बदलाव का है, क्रम विकास का नहीं।`
सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है।