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श्रीलंकाई खिलाड़ियों में ना तो आत्मविश्वास, ना ही जीत की ललक: महेला जयवर्धने

श्रीलंकाई खिलाड़ियों में ना तो आत्मविश्वास, ना ही जीत की ललक: महेला जयवर्धने

तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला में भारत से करारी शिकस्त मिलने से पहले श्रीलंका जिम्बाब्वे जैसी कमजोर मानी जाने वाली टीम से एकदिवसीय श्रृंखला 3-2 से हार गयी थी।
शौचालय नहीं बन पाए तो एसडीएम ने पूरे गांव के ही बिजली कनेक्शन कटवा दिए

शौचालय नहीं बन पाए तो एसडीएम ने पूरे गांव के ही बिजली कनेक्शन कटवा दिए

राजस्थान में भीलवाड़ा जिले की जहाजपुर तहसील के गांगीथला गांव में शौचालय बनवाए जाने का काम पूरा ना होने पर बिजली कनेक्शन काटे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
शरद यादव ने कहा- 'मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि बिहार के लोगों के साथ हूं'

शरद यादव ने कहा- 'मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि बिहार के लोगों के साथ हूं'

अपने गुट के नेताओं के साथ होने वाली बैठक को लेकर पटना पहुंच शरद यादव ने कहा कि वह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि बिहार के लोगों के साथ हैं।
तिरंगे को सलामी देना संघ ने सत्ता में आने के बाद सीखा: राहुल गांधी

तिरंगे को सलामी देना संघ ने सत्ता में आने के बाद सीखा: राहुल गांधी

शरद यादव के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा।
पार्टी छोड़ने से शरद यादव का इंकार, कहा- 'मैं जदयू का संस्थापक हूं'

पार्टी छोड़ने से शरद यादव का इंकार, कहा- 'मैं जदयू का संस्थापक हूं'

बिहार में महागठबंधन टूटने से नाराज जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने सोमवार को कहा कि पार्टी छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं ह
सिलेक्टर्स को 15-15 लाख रुपये देने पर भड़के पूर्व क्रिकेटर मदनलाल

सिलेक्टर्स को 15-15 लाख रुपये देने पर भड़के पूर्व क्रिकेटर मदनलाल

मदनलाल ने ट्विटर पर लिखा, "यह पढ़कर हैरान हूं कि चयनकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन करने के लिए 15-15 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्हें खराब नहीं सर्वश्रेष्ठ टीम का ही चयन करना होता है।
ओलंपिक की आस लगाने से पहले सोचिए, कैसे जीते-मरते हैं हमारे खिलाड़ी

ओलंपिक की आस लगाने से पहले सोचिए, कैसे जीते-मरते हैं हमारे खिलाड़ी

खेल और खिलाड़ियों की दशा पर अक्सर लोग बात करते दिखाई देते हैं। खेल की हालत में सुधार और प्रोत्साहन देने जैसी शासकीय घोषणाएं भी समय-समय पर की जाती हैं। खेलों में न्यूनतम सुविधाएं मिलने अथवा नहीं मिलने की परिचर्चा भी आम है, लेकिन बात खिलाड़ियों की जान पर आ जाए तो आप इसे क्या कहेंगे?
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