1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
इस महीने के अंत में होने वाली प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका यात्रा से पहले अमेरिका पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और डिलीवरी सिस्टम की नई सीमाएं तय करने से जुड़े एक समझौते पर बातचीत कर रहा है। यह समझौता भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु संधि जैसा समझौता हो सकता है।
ईरान पर प्रतिबंध हटाने को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने जो समझौता किया है उसे लेकर खुद अमेरिका में ही घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रपति बराक ओबामा जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रनिनिधित्व करते हैं वहीं अमेरिकी सीनेट और कांग्रेस में उनके विरोधी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का दबदबा है और यह पार्टी ईरान समझौते से नाखुश बताई जा रही है।
अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से सम्मान ग्रहण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हम सब भारतीयों के लिए गर्व का दिन है। अगर अटलजी का स्वास्थ्य ठीक होता और वह यहां मौजूद होते तब यह अवसर कुछ अलग ही होता।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में सदस्यता के लिए भारत के दावे के समर्थन को लेकर चीन पर दबाव बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे कदम से दि्वपक्षीय संबंध नए स्तर पर पहुंचेंगे तथा एशिया को अधिक मजबूती मिलेगी।