Advertisement

Search Result : "obituary SP balasubramanian"

पलकन डगर बुहारें, तब भी नहीं आएंगे रवीन्द्र जैन

पलकन डगर बुहारें, तब भी नहीं आएंगे रवीन्द्र जैन

संगीत सरहदें नहीं जानती, जाति, धर्म और बंटवारा नहीं मानती। पत्तों-पत्तों, हवाओं के रेशों-रेशों, बादलों के रुनझुन सी बूंदों में, हर रंगों की झलकियों में प्रतिपल ध्वनियां प्रवाहित होती हैं।