सिर पर मैला ढोने वालों को इस दलदल से बाहर निकालने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और मैगसायसाय पुरस्कार विजेता बेजवाडा विल्सन ने रविवार को कहा कि इस जाति आधारित समस्या को दूर करने में सरकार के स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति की बहुत कमी है तथा उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी को 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से इस काम में लगे लोगों को इससे छुुटकारा दिलाने और उनका पुनर्वास करने की समयसीमा की घोषणा करना चाहिए।
बड़ी मुश्किल से व्यावसायिक परीक्षा मंडल के दाग सिंहस्थ में साधु-संतों की सेवा के बाद धुले थे। पर ये घोटाले के दाग हैं जो पता नहीं क्यों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दामन से धुलना ही नहीं चाहते हैं। सिंहस्थ खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी चैन की सांस भी नहीं ली है, फुर्सत के दो पल भी नहीं काटे हैं कि घोटाले की बैचेन हवाएं मध्य प्रदेश और उससे बाहर लहराने लगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान पर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने सीधे तौर पर हमला बोला है। 93 वर्षीय अच्युतानंदन ने साफ कहा है कि शौचालय बनाकर आप क्या कर लेंगे। पहले जनता को खाना तो खिलाओ तब जाकर शौचालय का उपयोग होगा।
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ मेले में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार शहर में करीब 34,000 शौचालय बनाने की योजना पर काम कर रही है। इससे खुले में शौच की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी।
एक ओर तो मौजूदा सरकार स्वच्छ भारत मुहिम पर जोर दे रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर घर में शौचालय बनाने पर जोर दे रहे हैं, दूसरी ओर घर में शौचालय न होने की वजह से झारखंड में एक बच्ची ने आत्महत्या कर ली।
अगर शीर्षक पढ़ कर चौंक गए हैं तो सही चौंके हैं। लेकिन उतना भी सही नहीं। दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन सरकार की कन्यादान योजना के तहत अब उन वर-वधू को 12,000 रुपये की सहायता देंगे जिनके घर में शौचालय नहीं है। इस पैसे से नवदंपति शौचालय बनवाएंगे। तो हुआ न यह कन्यादान में शौचालय।