पिछले कई सालों से फिल्मी पर्दे से दूर रहने वाले बॉवीलुड एक्टर सुनील शेट्टी एक बार फिर बड़े पर्दे पर वापसी करने की तैयारी कर रहे हैं। सुनील इन दिनों एक निजी चैनल पर हेल्थ शो की एकरिंग कर रहे हैं।
इसरो ने देश के सबसे भारी और ताकतवर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी मार्क-तीन को लांच कर एक और उपलब्धि हासिल की है। सैटेलाइट को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से शाम 5.28 बजे सफलता पूर्वक लांच कर दिया गया है!
अगर किसी फिल्म में इरफान हों तो कहानी का टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती। फिल्म में कुछ नहीं भी होगा तो इरफान इतने सटीक ढंग से होंगे कि उन्हीं के सहारे ढाई-तीन घंटे का वक्त कट जाएगा। तो इस फिल्म में भी बिलकुल परफेक्ट टाइमिंग के साथ राज यानी कि इरफान मौजूद हैं।
गुजरात लायंस के तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने आज कहा कि भारतीय विकेटों पर गेंदबाजी का अनुभवी आईपीएल के 10वें सत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि देश के अधिकांश विकेट बल्लेबाजी के अनुकूल हैं।
सरकार ने आज भारतीय उद्यम विकास सेवाओं (आईईडीएस) के गठन को मंजूरी प्रदान की। इसका गठन सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के तहत विकास आयुक्त कार्यालय में किया जाएगा।
रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का कहना है कि कोई भी भाषा हिन्दी का स्थान नहीं ले सकती क्योंकि यह आम आदमी की भाषा है। ऐसे में हिन्दी को उच्च शिक्षा में शिक्षा का माध्यम (एमओआई) बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। चंद्रा ने यह बातें साहित्य अकादमी द्वारा हिन्दी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहीं।
पेप्सीको की सीईओ तथा चेयरमैन इंदिरा नूयी को फारच्युन की 51 सर्वाधिक शक्तिशाली महिला की सूची में जगह मिली है। वह इस सूची में एकमात्र भारतीय मूल की महिला हैं। इसमें जनरल मोटर्स की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तथा चेयरमैन मैरी बारा पहले पायदान पर हैं। नूयी सूची में दूसरे स्थान पर हैं।
मध्यप्रदेश में जबलपुर के पनागर के बिहर गांव में मानवता को शर्मसार करनेे वाला मामला सामने आया है। जिसके बाद भाजपा शासित इस राज्य की सामाजिक समरसता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। गांव में एक दबंग ने अपनी जमीन से शवयात्रा ले जाने की अनुमति नहीं दी। मजबूरन लोगों को तालाब के बीच चार फीट पानी से शव को श्मशान घाट तक ले जाना पड़ा। मुसबीत यहीं कम नहीं हुई बल्कि लोग जब श्मशानघाट पहुंचे तो वहां पर सरकार की जमीन पर धान बोया गया था। नतीजन शव का अंतिम संस्कार निजी जमीन पर किया गया।