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मुसलमानों को न पुरस्कार दो, न तिरस्कार करो बल्कि उन्हें अपनाओ: मोदी

मुसलमानों को न पुरस्कार दो, न तिरस्कार करो बल्कि उन्हें अपनाओ: मोदी

केरल के कोझीकोड में दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती मनाने और अपनी राष्ट्रीय परिषद के बहाने भाजपा ने मुसलमानों को भी साधने की कोशिश शुरू कर दी है। राष्ट्रय परिषद को संबोधित करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुसलमानों को वोट की मंडी का माल नहीं समझा जाना चाहिए।
दीनदयाल जन्मशताब्दी कमेटी में मोदी ने रखा नीतीश का नाम

दीनदयाल जन्मशताब्दी कमेटी में मोदी ने रखा नीतीश का नाम

कहा जाता है कि मोदी हमेशा मास्टर स्ट्रोक मारते हैं। इस स्ट्रोक का भी राजनैतिक हलकों में खूब चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मनाने के लिए दो समिति बनाई हैं। इस समिति की खास बात यह है कि इसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी रखा है।
समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

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भारतीय जनता पार्टी अपने नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी के अवसर पर राष्ट्रीय परिषद में भविष्य की दशा-दिशा तय कर रही है। दीनदयालजी कांग्रेस और पंडित नेहरू की विचारधारा से कई अहसमतियां रखते थे और कम्युनिस्टों के तो बिल्कुल विरोधी थे। लेकिन भारतीय जनसंघ (जो एक बार जनता पार्टी में विलय के बाद पुनः भारतीय जनता पार्टी बन गई) के लिए भी दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण अंत्योदय, राजनीतिक ईमानदारी, त्याग, सत्ता में दंभ के बजाय जनता की सेवा और समर्पण के विचारों को बढ़ाना चाहते थे।
पं. दीनदयाल उपाध्याय पर 15 खंडो में पुस्तक, मोदी करेंगे विमोचन

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भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मशताब्दी वर्ष को अविस्मरणीय बनाने के लिए जुट गया है। इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100 वीं जयंती है। एकात्म मानवतावाद का सिद्धांत देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय को सामाजिक-राजनैतिक दर्शन के लिए जाना जाता है। भारतीयज जनता पार्टी के वैचारिक संरक्षक-परामर्शदाता के लिए पार्टी दृढ़ प्रतिज्ञ है। संघ उनके नाम को घर-घर में पहुंचाना चाहता है।
सुशासन दें या न दें, 10 रुपये में भरपेट खाना देंगे शिवराज

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अब तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ही अम्मां कैंटीन के लिए प्रसिद्ध थी। लेकिन अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी प्रदेश के 4 बड़े शहरों में शिवराज भोजनालयों की शुरूआत करने जा रहे हैं। इन भोजनालयों में मात्र 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाएगा। थाली में दाल, रोटी, सब्जी, पुलाव और अचार होगा। अगर इन शहरों में सफलता मिली तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
कहानी - दुर्गंध

कहानी - दुर्गंध

15 अगस्त, 1960 कानपुर में जन्म। तीन दशक से भी ज्यादा समय से कहानी लेखन में सक्रीय। देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। आंचलिक कथाकार के रूप में पहचान। कुछ कहानियों का बांग्ला, तमिल और उर्दू में अनुवाद। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कहानियों पर, ‘गोविंद उपाध्याय की कहानियों में सामाजिक जीवन’ शीर्षक से लघु शोध-प्रबंध। ‘बारात’ और ‘पीढ़ी’ कहानियां पाठ्य-पुस्तक में संकलित। कादम्बिनी द्वारा आयोजित साहित्यिक महोत्सव में कहानी पुरस्कृत। कथाबिंब के कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार में कहानी को उत्तम पुरस्कार। कमलेश्वर-वर्तमान साहित्य कथा पुरस्कार में कहानी चयनित एवं प्रकाशित। कई कृतियां, जिसमें से पंखहीन, समय, रेत और फूकन फूफा, सोनपरी का तीसरा अध्याय, चौथे पहर का विरह गीत, आदमी, कुत्ता और ब्रेकिंग न्यूज़, बूढ़ा आदमी और पकड़ी का पेड़ तथा नाटक तो चालू है मुख्य रूप से सराही गईं।
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