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खरना कूटनीति में दिखा लालू का दम

खरना कूटनीति में दिखा लालू का दम

बिहार में चुनाव नतीजे आने के बाद भले ही नीतीश कुमार बिहार का मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हों मगर राज्य के नेताओं और नौकरशाहों को पता है कि सत्ता का केंद्र कहां रहने वाला है। तभी तो छठ पर्व के खरना वाले दिन पटना में लाल और नीली-पीली बत्ती लगी गाड़ियों की सबसे लंबी कतार लालू प्रसाद के निवास के बाहर दिखाई दे रही थी।
छठ के बाद हो सकता है नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण

छठ के बाद हो सकता है नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण

चुनावों में भारी जीत के बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में बनने वाली महागठबंधन की सरकार छठ के बाद शपथ ग्रहण करेगी। हालांकि शपथ ग्रहण की तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि आगामी 20 नवंबर को नीतीश कुमार अपने मंत्रीमंडल के साथ शपथ ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री के खिलाफ जनता का आक्रोश है यह परिणाम: लालू

प्रधानमंत्री के खिलाफ जनता का आक्रोश है यह परिणाम: लालू

बिहार विधानसभा चुनाव में 80 सीट हासिल कर राजद के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आने से उत्साहित लालू प्रसाद ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोगों में आक्रोश है जो बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम से जाहिर हुआ है। पटना में आज लालू ने संवाददाताओं से कहा देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आक्रोश है.. बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम ने देशवासियों को कुछ राहत राहत दी है।
भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

बिहार विधानसभा में मिली करारी हार से भाजपा में खलबली सी मची हुई है। एक ओर पार्टी में हार को लेकर मंथन का दौर जारी है तो दूसरी ओर पार्टी के कई नेता एक दूसरे को हार का जिम्मेदार ठहराने की कोशिश में सारी हदें पार करते जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना एक कुत्ते से कर दी है।
पुराना घर और पुरानी बस्ती

पुराना घर और पुरानी बस्ती

वरिष्ठ कथाकार ‘दूसरा कदम’, ‘उनका जीवन’, ‘कछुए की तरह’, ‘एकत्र’ और ‘भूलने का रास्ता’ जैसे कथा-संग्रहों को मिलाकर अब तक नौ कहानी संग्रह प्रकाशित। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन तथा ‘पहल’ पत्रिका के संपादन में सहयोग।
लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

आज साहित्य अकादमी का नजारा कुछ बदला-बदला सा है। ‘लेखकों का यह घर’ मीडिया कर्मियों के जमावड़े से गुलजार था। लेखक प्रदर्शनकारियों के बाने में थे। पहली बार हुआ कि अकादमी की इमारत में जाने के लिए पहचान पूछी जा रही थी।
साहित्य अकादमी चाहती है लेखकों की ‘घर वापसी’

साहित्य अकादमी चाहती है लेखकों की ‘घर वापसी’

लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए साहित्य अकादमी ने आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य एवं केंद्र सरकारों से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की।
राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव शिक्षा और पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हों, मगर उनका मन सदैव साहित्य और पत्रकारिता में ही रमा रहा । तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्र में काफी समय बिताने के बाद अवसर मिलते ही साहित्यिक पत्रकारिता में आ गए। कृतियों में एक उपन्यास, सात कथा संकलन और कथेतर गद्य के बहुचर्चित संकलन उस रहगुजर की तलाश है । संप्रति दैनिक जागरण में साहित्य संपादक।
प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की यह पहली कहानी है। इसी कहानी पर उन्हें प्रतिष्ठित राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक प्रकृति मुंबई में नेटवर्क 18में प्रोमो प्रोड्यूसर के पद पर काम करती हैं। कहानी लिखने से पहले प्रकृति कविताएं लिखती रही हैं। पहाड़ों के नाम लिखी गई उनकी कविताएं कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
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