सोमवार को कोबरापोस्ट ने एक स्टिंग जारी कर पूरे देश में एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। रणवीर सेना के कई पूराने कार्यकर्ताओं के इस स्टिंग में भाजपा के कई बड़े नेताओं का नाम रणवीर सेना को सहयोग करने में आया है।
शिवसेना ने साफ कर दिया है कि कोल्हापुर निकाय चुनाव वह अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी। इस फैसले ने साफ कर दिया है कि राज्य की राजनीति में 25 वर्ष तक साथ चले दोनों दलों के दिल एक दूसरे से भर चुके हैं और सिर्फ सियासी मजबूरी ने ही उन्हें राज्य सरकार में एक साथ बना रखा है।
शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
जी मीडिया और नवीन जिंदल समूह के बीच की लड़ाई और बढ़ गई है। अब इस कड़ी में जिंदल ग्रुप के सहायक उपाध्यक्ष डी.के. भार्गव की याचिका पर जी मीडिया के मालिक सुभाष चंद्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
1985 तक शिवसेना केवल मुंबई तक ही सीमित थी। महाराष्ट्र में इसके प्रसार का श्रेय छगन भुजबल को जाता है। शरद पवार 1986 में अपने कांग्रेस विरोधी समूह को सकते में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस वजह से बने खाली स्थान को शिवसेना ने भरा। आज भी मुंबई की शिवसेना और बाकी महाराष्ट्र की शिवसेना में अंतर है।
ललितगेट की आंच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी समझे जाने वाली अडानी समूह तक भी पहुंच गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीसीसीआई के उपाध्यक्ष के तौर पर एक रिपोर्ट दी थी जिसमें ललित मोदी को आईपीएल नीलामी अडानी व वीडियोकॉन समूह को फायदा पहुंचाने का दोषी पाया गया है।
महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं का भरपूर लाभ उठा रहा है अडानी समूह। चीन के साथ शनिवार को हुए 26 कारोबारी समझौतों में अडानी और भारती समूह की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन दिन की चीन यात्रा के शनिवार को अंतिम दिन भारत और चीन की कंपनियों के बीच 22 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के 26 व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। चीन से समझौते के बाद मोदी मंगोलिया के लिए रवाना हो गए।