अमित शाह ने कहा कि हमारी पार्टी में 75 पार नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने की कोई परंपरा अभी नही हैं। मंत्रिमंडल में किसे रखना है और किसे नहीं, यह फैसला मुख्यमंत्री का होता है।
'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
क्या हम हल्दीराम की भुजिया खाने से पहले यह छानबीन करेंगे कि उस कंपनी में हमारी जात-बिरादरी, धर्म के कितने लोग, किन-किन पदों पर हैं? क्या झंडुु बाम लगाने से पहले भी हम उसकी धर्म-जाति तय करते हैं? अगर ऐसा नहीं है तो फिर रूह अफजा ने क्या बिगाड़ा है। इसकी मिठास में नफरत की चासनी क्यों मिलाई जा रही है?
भारतीय शेयर बाजार में कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शेयर बाजार रिकॉर्ड तेजी पर बंद हुआ। सेंसेक्स 136 अंक तेजी के साथ 31,273 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी पहली बार 9,650 के स्तर के पार बंद हुआ।