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कार्पोरेट निवेश की रफ्तार धीमी, 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

कार्पोरेट निवेश की रफ्तार धीमी, 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

1992 के बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्पोरेट निवेश की गति सबसे धीमी हो गई है। विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में खराब मांग और नए परियोजनाओं को ऋण देने के लिए बैंकों की अनिच्छा से यह गिरावट आई है।
जेईई का गोपनीय डाटा लीक, 11 लाख विद्यार्थियों की प्राइवेसी खतरे में

जेईई का गोपनीय डाटा लीक, 11 लाख विद्यार्थियों की प्राइवेसी खतरे में

इस बार जेईई मेंस में बैठे 11 लाख से अधिक स्टूडेंट्स का डाटा लीक हो गया है। बताया जा रहा है कि यह गोपनीय जानकारी एक वेबसाइट के द्वारा बेची जा रही है।
आईटी क्षेत्र में जा सकती है 6 लाख लोगों की नौकरी, जानिए क्या हैं कारण

आईटी क्षेत्र में जा सकती है 6 लाख लोगों की नौकरी, जानिए क्या हैं कारण

आईटी क्षेत्र की नौकरियों पर एक नया खतरा मंडराने लगा है। अगले तीन वर्षों के दौरान आईटी क्षेत्र में सालाना करीब दो लाख लोगों की छंटनी हो सकती है। डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन का तेजी से प्रसार इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही है।
भू-माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार का एक्शन, तीन स्तरीय टास्क फोर्स का होगा गठन

भू-माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार का एक्शन, तीन स्तरीय टास्क फोर्स का होगा गठन

उत्तर प्रदेश में लगातार कड़े और बड़े फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर रात अधिकारियों के साथ एक बैठक की जिसमें उन्होंने फर्जी राशनकार्ड धारकों से रिकवरी और भू-माफियाओं के खिलाफ टास्क फोर्स का ऐलान करने का फैसला लिया। सीएम योगी ने बैठक में भूमिहीन किसानों के दो बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
आठ व्यक्तियों के पास उतनी संपत्ति, जितनी दुनिया की आधी आबादी के पास है : ऑक्सफेम

आठ व्यक्तियों के पास उतनी संपत्ति, जितनी दुनिया की आधी आबादी के पास है : ऑक्सफेम

दावोस में विश्व आर्थिक मंच की शुरूआत से पहले, ऑक्सफेम ने आज कहा कि आठ व्यक्तियों के पास उतनी संपत्ति है जितनी दुनिया की आधी आबादी के पास है और इससे हमारे समाजों में विभाजन का खतरा पैदा होता है।
भारत को वैश्विक स्तर के अनुरूप कर दरों की आवश्यकता: जेटली

भारत को वैश्विक स्तर के अनुरूप कर दरों की आवश्यकता: जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि अगर देश को व्यापक आधार वाली अर्थव्यवस्था बनाना है तो दुनिया के दूसरे देशों के अनुरूप कर दरों का निम्न स्तर होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह विचार अब बीते दिनों की बात हो गयी है कि कर की ऊंची दरों से अधिक राजस्व मिलता है, 1991 से अर्थव्यवस्था का यह सिद्धांत बदल गया है।
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