जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से कश्मीर के वर्तमान संकट का प्रशासनिक की जगह राजनीतिक समाधान ढूंढ़ने को कहें।
कश्मीर घाटी में हिंसा की वजह से पिछले कई दिनों से जारी कर्फ्यू शनिवार को हटा लिया गया। हालांकि श्रीनगर, अनंतनाग और पाम्पोर के कुछ हिस्सों में अभी भी कर्फ्यू जारी है। अलगाववादी समर्थित हड़ताल के कारण घाटी में जनजीवन अब भी अस्त-व्यस्त है।
एस्सार फोन टैपिंग कांड में केंद्र सरकार जांच का आदेश दे सकती है। बताया जा रहा है कि एस्सार समूह के कथित शह पर की गई अवैध टैपिंग में सरकार बंद हो चुकी हचिसन टेलीकॉम और मुंबई पुलिस की भूमिका की जांच एक केंद्रीय एजेंसी से करवा सकती है।
तृणमूल कांग्रेस घूसकांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय नेताओं की चुप्पी के चलते बंगाल के भाजपाई असमंजस में हैं। घूसकांड के मुद्दे को भुनाने के लिए क्या योजना बनाई जाए- इसके लिए वे आलाकमान का मुंह जोह रहे हैं। इस मुद्दे पर न तो अब तक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का कोई बयान आया है और न ही अरुण जेटली, राजनाथ सिंह या फिर कैलाश विजयवर्गीय।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के घूसकांड को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। उधर, बंगाल में विपक्षी कांग्रेस, वाममोर्चा और भाजपा के नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। नारद न्यूज नाम की एक वेबसाइट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के 11 शीर्ष नेताओं की सीडी जारी कर इन पर लाखों रुपए घूस लेने का आरोप लगाया। मंत्री, सांसद और विधायक- कुल 11 नेताओं को घूस लेते सीडी में दिखाया गया है।
मुंबई के 1993 के बम धमाकों के आरोपी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी पर यूं तो पिछले कई दिनों से राजनीति जमकर हो रही है मगर गुरुवार को उसे फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद तो जैसे नेताओं में बयानबाजी की होड़ ही लग गई।
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ब्रिटेन में रहने वाले उस सिख अलगाववादी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना चाहती थीं जिस पर इंदिरा गांधी की हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। लेकिन राष्ट्रमंडल नागरिकों के बारे में ब्रिटेन के एक कानून के कारण वह उस सिख को प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध को पूरा नहीं कर पाईं थीं। गुरुवार को सार्वजनिक किए गए गोपनीय दस्तावेजों में यह बात सामने आई है।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और जदयू के शरद यादव समेत कई विपक्षी सांसदों ने आज केंद्र पर असहमति की आवाज को खामोश करने लिए तीस्ता को बुरी तरह से परेशान करने का आरोप लगाया।