कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाली सपा जैसी पार्टियों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किए जाने की संभावना से आज इनकार नहीं किया। वहीं, इसकी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने युवा अखिलेश यादव के पक्ष में इस मुकाबले से हटने की पेशकश की है।
पार्टी के रूख का अनुसरण करते हुए शीला दीक्षित ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाया और इस बात पर हैरत जतायी कि वह रिश्वत दिए जाने से संबंधित सहारा बिड़ला दस्तावेजों की स्वतन्त्र जांच से झिझक क्यों रहे हैं। इससे पहले दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया था जिससे उन्होंने अपनी पार्टी को बचाव मुद्रा में ला दिया था।
राहुल गांधी द्वारा सहारा डायरियों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधे जाने के बीच आज एक विवाद शुरू हो गया जब कांग्रेस ने इससे जुड़ी एक सूची ट्विटर पर जारी कर दी जिसमें कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का भी नाम कथित तौर पर शामिल है। इसके बाद शीला दीक्षित ने उन दस्तावेजों को तवज्जो नहीं दी।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं की बदजुबानी जारी है। ताजा माले में पूर्व बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री उम्मीदवार शीला दीक्षित को दिल्ली का रिजेक्टेड माल बताया है।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों को कांग्रेस ने अपनी तरफ से भी बहुत रोचक बना दिया है। अपनी रिवायत तोड़ते हुए उन्होंने दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। उत्तर प्रदेश की बहू के रूप में शीला दीक्षित को पेश करके कांग्रेस ने एक साथ कई कार्ड खेलने की कोशिश कर रही है-ब्राहमण कार्ड, महिला कार्ड, सुशासन कार्ड और वरिष्ठता कार्ड।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और मेज पर चढ़ गए। गुप्ता के इस कृत्य की काफी आलोचना हुई और विधानसभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसे अत्यंत शर्मनाक करार दिया और कहा कि इससे सदन की बदनामी हुई है।