प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में कल फेरबदल हो सकता है। मंगलवार को सुबह 11 बज नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। कुछ को मंत्रिपद से हटाया भी जा सकता है। फेरबदल का लंबे समय से इंतजार है। मोदी 7 जुलाई को 4 अफ्रीकी देशों के दौरे पर जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि दौरे से पहले मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ये दूसरा फेरबदल होगा।
कांग्रेस ने मंगलवार को होने जा रहे कैबिनेट के फेरबदल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि इस तरह के कॉस्मेटिक चेंंज की बजाय काम न करने वालों मंत्रियों पर पीएम माेेदी ज्यादा ध्यान दें।
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह मंत्रिमंडल से हटाए गए वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा है कि भाजपा में शायद अब बूढ़े मां-बाप को निकालने की पंरपरा आ गई है। पार्टी में वरिष्ठ लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार के समय पार्टी की अंर्तकलह उजागर हो गई। दो वरिष्ठ मंत्रियों बाबूलाल गौर और सरताज सिंह ने पार्टी की मंशा के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। शिवराज ने मंत्रिमंडल में पाच कैबिनेट मंत्रियों के साथ नौ मंत्रियों को शामिल किया है।
सब कुछ ठीक रहा और मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को अस्पताल से छुट्टी मिल गई तो कल यानी 30 जून को मध्य प्रदेश के कुछ विधायक मंत्री का दर्जा पा जाएंगे। इसके साथ ही लंबे समय से चले आ रहे मंत्रीमंडल के विस्तार की अटकलों को विराम मिल जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दुकानों, शापिंग मॉल व अन्य प्रतिष्ठानों को साल के 365 दिन खुला रखने की अनुमति देने वाले एक माडल कानून को बुधवार को मंजूरी दे दी।
राष्ट्रीय खनिज खोज नीति (एनएमईपी) को बुधवार को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई। इससे 100 संभावित खनिज ब्लाक की नीलामी का रास्ता तैयार हुआ है और देश की खनन संभावना में बढ़ोतरी होगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वह जल्द ही अपने मंत्रीमंडल में विस्तार करेंगे। शिवराज सिंह चौहान हाल ही में चीन यात्रा से लौटे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मंत्रीमंडल में विस्तार कब होगा तो उन्होंने कहा, वह अपनी बात पर अडिग हैं।
जेरेमी कोरबीन के अपने विदेश मंत्री को बर्खास्त करने और शैडो कैबिनेट (समानांतर मंत्रिमंडल) के तीन मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ईयू जनमत संग्रह से इस सोशलिस्ट नेता के निबटने के तरीकों को लेकर पार्टी में गहरा मतभेद उभर आया है।