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तीन सालों में लोकसभा में सांसदों की औसत उपस्थिति 81 फीसदी और राज्यसभा में 80 फीसदी रही

तीन सालों में लोकसभा में सांसदों की औसत उपस्थिति 81 फीसदी और राज्यसभा में 80 फीसदी रही

संसद के लोक महत्व, नीतिगत एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा का सर्वोच्च मंच होने के बीच 16वीं लोकसभा...
नोटबंदी के बाद 99 फीसदी नोट वापस आने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया आक्रोश

नोटबंदी के बाद 99 फीसदी नोट वापस आने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया आक्रोश

रबीआई पर नोटबंदी के व्यापक असर को देखते हुए सिर्फ एक फीसदी नोटों का बैंकों में वापस न आना चौकाने वाला आंकड़ा है। इससे नोटबंदी के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैैं।
जीएसटी के बाद यात्री कारों की खरीद में आई तेजी, जुलाई में 15 फीसदी बढ़ी बिक्री

जीएसटी के बाद यात्री कारों की खरीद में आई तेजी, जुलाई में 15 फीसदी बढ़ी बिक्री

मोटरसाइकिलों की बिक्री इस दौरान पिछले साल की 8,97,084 यूनिट से 16.9 प्रतिशत बढ़कर 10,48,657 यूनिट हो गई है। इस साल जुलाई में कुल 16,79,055 दोपहिया वाहन बेचे गए।
एडीआर का दावा: नीतीश  की नई सरकार में 75 फीसदी  मंत्री  दागी

एडीआर का दावा: नीतीश की नई सरकार में 75 फीसदी मंत्री दागी

बिहार में सियासी उबाल के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट ने खलबली मचा दी है। एडीआर के मुताबिक नीतीश की नई सरकार में 75 फीसदी मंत्री दागी हैं।
सीरिया में किए गए हवाई हमले में 20 फीसद विमान नष्ट: अमेरिका

सीरिया में किए गए हवाई हमले में 20 फीसद विमान नष्ट: अमेरिका

अमेरिका की ओर से गत सप्ताह सीरियाई हवाई ठिकाने पर किए गए हमले में राष्ट्रपति बशर अल असद के जंगी जहाजों के पांचवें हिस्से को नष्ट कर दिया है।
पीपीएफ सहित स्मॉल सेविंग स्कीम की दरों में 0.1 %  की कटौती, 1 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें

पीपीएफ सहित स्मॉल सेविंग स्कीम की दरों में 0.1 % की कटौती, 1 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) जैसी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 0.1 फीसदी की कटौती की है। यह कटौती वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए की गई है। नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
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