दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा है कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों की होड़ में नहीं है। उन्होंने ‘आप’ सदस्यों को चुनाव के पीछे नहीं भागने की सलाह देने के बावजूद यह कहा कि पंजाब के अगले चुनावों में पार्टी को दिल्ली जैसा मौका मिल सकता है।
कोई भी समाज ऐसे तंत्र को अनिश्चितकाल तक बनाए नहीं रख सकता जहां कमाई करने वाले व्यक्ति कर चोरी को जीवन का एक तरीका समझें। दुर्भाग्य से विगत में हमारे यहां टैक्स की दर काफी अधिक होने के चलते कर चोरी को प्रोत्साहन मिला। देश जब अपने नागरिकों पर तर्कसंगत दर से टैक्स लगाते हैं तो वे उन्हें ईमानदारी से उनकी आय का खुलासा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
देश के जाने-माने वकील और भाजपा से निष्कासित राम जेठमलानी ने पटना में मोदी विरोधी बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। जेठमलानी ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, उन्हें इस बात का अफसोस है कि एक वकील होते हुए भी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के झांसे में आ गए। वह बिहार चुनाव में भाजपा को हारते हुए देखना चाहते हैं।
सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसे बुधवार को समाप्त कालाधन अनुपालन सुविधा के तहत किए गए 638 खुलासों के जरिये 3,770 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। वित्त मंत्रालय ने सीबीडीटी द्वारा सौंपे गए आंकड़ों के आधार पर जारी एक बयान में कहा अनुपालन सुविधा के तहत विदेश में गैरकानूनी तौर पर जमा 3,770 करोड़ रुपये के बारे में खुलासे से जुड़े 638 हलफनामे मिले। इन आंकड़ों पर अंतिम मिलान बाकी है।
हांगकांग के केंद्रीय बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक की हांगकांग शाखा पर स्थानीय हवाला निरोधक कानून और आतंकवाद निरोधी वित्तीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उस पर दस लाख अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया है।
सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे पर लगे आरोपों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने याद दिलाया कि जब उन पर हवाला कांड के आरोप लगे थे तो उन्होंने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। वाजपेयी ने उन्हें मना भी किया था लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।