दुनिया में सबसे ज्यादा फर्टिलाइजर का उत्पादन करने वाले इफको ने अपनी बीमा कंपनी इफको-टोकियो इंश्योरेंस में से 21.64 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है। उसने यह हिस्सेदारी अपनी इंश्योरेंस सहयोगी कंपनी टोकियो मरीन एसिया को दी। इसके जरिए कंपनी ने 2530 करोड़ रुपये जुटाये हैं जिसको वो अपने कृषि बिजनेस पर खर्च करेगी।
एक जुलाई से जीएसटी (माल और सेवा कर) लागू होने से पहले बाजार में बहुत कुछ सस्ता मिल रहा, इसलिए शॉपिंग का यहा अवसर चूकना नहीं चाहिए। इसके अलावा बाजार में स्टॉक् क्लीयरेंस सेल चल रही है। शॉपिंग का इससे बढ़िया मौका और कहा मिलेगा।
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बैंच ने केंद्र सरकार के पशु मंडियों में वध के लिए जानवरों की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध के विवादास्पद फैसले पर 4 हफ्तों के लिए रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस फैसले पर चार हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। गौरतलब है कि कई राज्य सरकारें केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही थी।
यह बसपा प्रमुख मायावती के राज में हुआ ऐसा कथित घोटाला है, जिसे लोग पहले दिन से ही घोटाला मानते हैं। लेकिन साबित आज तक नहीं हो पाया। इस मामले में मायावती के साथ-साथ अखिलेश यादव पर भी शिकंजा कसना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
मारुति सुजुकी की नई इग्निस लॉन्च हो चुकी है। 1 जनवरी से अब तक इस कार ने 6 हजार कारों की बुकिंग का आंकड़ा पार कर लिया। इग्निस को मार्किट में उम्दा रिस्पोंस मिल रहा है। ऐसे में यह कार एक लम्बी पारी खेलने का पूरा दम रखती है। इस समय मारुति के तरकश में तक़रीबन हर सेगमेंट के लिए कारें हैं ऐसे में नई इग्निस को लॉन्च करके कंपनी ने अपने तरकश की शोभा बढ़ा दी है।
करीब 12 साल में दूसरी रणनीतिक बिक्री को मंजूरी देते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज देश की पहली फार्मा कंपनी बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लि. (बीसीपीएल) के साथ ही औषधि क्षेत्र की एक अन्य सार्वजनिक हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लि. (एचएएल) की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दे दी है।
नोटबंदी का असर नवंबर में वाहनों की बिक्री पर भी पड़ा है। इस अवधि में जहां घरेलू यात्री वाहन बिक्री 1.82 प्रतिशत बढ़ी, वहीं दुपहिया वाहनों की बिक्री में पांच प्रतिशत से अधिक और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 11 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी अब धीरे धीरे अपना असर दिखाने लगी है। कामगार वर्ग इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। किसानों और सब्जी उत्पादकों को औने पौने दाम में अपने उत्पाद बेचने पड़ रहे हैं। मजदूरों की रोजी पर भी संकट आन पड़ा है। नोटबंदी से मंडियों में सब्जियों के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं।