स्कूलों में जब अध्यापक अटेंडेंस लेते है तो अक्सर विद्यार्थी ‘यस सर’ या ‘यस मैम’ कहकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। लेकिन जल्द ही मध्यप्रदेश के स्कूलों में यह ट्रेंड बदलने वाला है।
एक तरफ तो यह नीतियां किसान को कर्जदार बनाती है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों को कम समर्थन मूल्य और खुले बाजार को ताकत देकर किसानों को ऐसी स्थिति में पंहुचाती है, जहां वे ब्याज तो छोड़िये, मूलधन भी चुकाने की स्थिति में नहीं रह जाते हैं।
क्या कभी आपने सुना है कि छात्रों को स्कूल की क्लासरुम की जगह टॉयलेट में शिक्षा दी जा रहा हो... जी हां यह घटना सच है, जो मध्यप्रदेश में नीमच के एक प्राइमरी स्कूल की है।
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को किसानों की खुदकुशी और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। मंगलवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी।