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निकाय चुनाव में बीजेपी की राम मंदिर लहर दौड़ रही है, तूफान का इंतजार कीजिए: सुब्रमण्यम स्वामी

निकाय चुनाव में बीजेपी की राम मंदिर लहर दौड़ रही है, तूफान का इंतजार कीजिए: सुब्रमण्यम स्वामी

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बड़ी कामयाबी हासिल करती दिखाई दे रही है। इन...
आधार को बीजेपी के भीतर से चुनौती,  सुब्रमण्यम स्वामी ने इसकी अनिवार्यता को बताया देश के लिए खतरा

आधार को बीजेपी के भीतर से चुनौती, सुब्रमण्यम स्वामी ने इसकी अनिवार्यता को बताया देश के लिए खतरा

केन्द्र सरकार आधार को मोबाइल फोन, बैंकिंग, एलपीजी सहित कई सुविधाओं से इसे लिंक कराने पर जोर दे रही है...
'पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन' बताकर हाईकोर्ट ने खारिज की सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका

'पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन' बताकर हाईकोर्ट ने खारिज की सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका

अपनी जनहित याचिकाओं और मुकदमेबाजी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी को...
9/11 की यादें और विवेकानंद का संदेश

9/11 की यादें और विवेकानंद का संदेश

शिकागो का 1893 में हुआ यह कार्यक्रम सिर्फ एक धर्म-संसद नहीं था। दरअसल कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज के 400 साल पूरे होने का जश्न था। महज धार्मिक विद्वानों का सम्मलेन न होकर यह एक प्रकार से ज्ञान-विज्ञान का कुम्भ था।
शरणार्थी समस्या, कट्टरता, सांप्रदायिकता पर बोली गईं स्वामी विवेकानंद की बातें आज भी प्रासंगिक

शरणार्थी समस्या, कट्टरता, सांप्रदायिकता पर बोली गईं स्वामी विवेकानंद की बातें आज भी प्रासंगिक

ऐसे दौर में जब रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा चल रहा है, स्वामी विवेकानंद इजरायल के शरणार्थियों की बात करते हैं। वैचारिक असहमतियों को सहन न कर पाने के इस दौर में उनकी बात याद करने लायक है, जब उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसकी भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं।
कॉलेजों में पीएम मोदी का भाषण दिखाए जाने का ममता ने किया विरोध, भाजपा ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण

कॉलेजों में पीएम मोदी का भाषण दिखाए जाने का ममता ने किया विरोध, भाजपा ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्रों को लाइव टेलीकास्ट के जरिए भाषण देंगे। इसे स्वामी विवेकानंद के शिकागो विश्व धर्म संसद में दिए भाषण के 125 साल पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह के तहत रखा गया है।
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