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विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
उपग्रह निर्माण का काम आउटसोर्स करके इसरो जुड़ा निजी क्षेत्र से

उपग्रह निर्माण का काम आउटसोर्स करके इसरो जुड़ा निजी क्षेत्र से

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: के एक बेहद सुरक्षित और साफ कमरे में एक नई किस्म की जुगलबंदी बन रही है। निजी क्षेत्र के दल सरकारी इंजीनियरों के साथ मिलकर एक ऐसा उपग्रह बनाने का काम कर रहे हैं, जो जल्दी ही आसमान में स्थापित किया जाएगा।
जेटली बोले, 2018 में 7.7 फीसदी  की दर से बढ़ेगा भारत

जेटली बोले, 2018 में 7.7 फीसदी की दर से बढ़ेगा भारत

वित्त मंत्री ने वर्ष 2018 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई और कहा कि उभरते बाजार संरक्षणवाद की अंतर्मुखी नीतियों एवं बढ़े भूराजनीतिक तनाव के रूप में नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
अडाणी की कोयला खान परियोजना में निवेश को इच्छुक है आस्ट्रेलियाई सरकारी कंपनी

अडाणी की कोयला खान परियोजना में निवेश को इच्छुक है आस्ट्रेलियाई सरकारी कंपनी

आस्ट्रेलिया सरकार की कोष प्रबंधक कंपनी ने भारत की दिग्गज कंपनी अडाणी की क्वींसलैंड में 21 अरब डालर की विवादास्पद कोयला खान परियोजना में निवेश को लेकर रूचि दिखायी है।
'आज भी अपने देश में 6.3 करोड़ लोगों को नहीं मिलता स्वच्छ पानी'

'आज भी अपने देश में 6.3 करोड़ लोगों को नहीं मिलता स्वच्छ पानी'

विश्व जल दिवस से एक दिन पूर्व जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छह करोड़ 30 लाख लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में यह संख्या सबसे ज्यादा है।
जल क्रांति योजना के तहत 726 गांव की पहचान, इंडेक्स वैल्यू प्रदान की जायेगी

जल क्रांति योजना के तहत 726 गांव की पहचान, इंडेक्स वैल्यू प्रदान की जायेगी

देश में पानी के प्रति जागरूकता बढ़ाने, नदियों के बहाव की निगरानी करने और पानी को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार ने महत्वाकांक्षी जल क्रांति अभियान योजना के तहत अब 726 जल की कमी वाले गांव की जल ग्राम के तौर पर पहचान की है। प्रत्येक गांव को इंडेक्स वैल्यू प्रदान की जायेगी जो जल की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर के आधार पर तैयार होगी।
कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा : अखिलेश

कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा : अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने काम नहीं, कारनामें बोलते हैं के सवाल पर घेरने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देते हुए कहा कि कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा है।
गुजरात में मेट्रो नहीं चलवा पाए, बुलेट ट्रेन का झांसा पूरे देश को दे रहे पीएम मोदी : अखिलेश

गुजरात में मेट्रो नहीं चलवा पाए, बुलेट ट्रेन का झांसा पूरे देश को दे रहे पीएम मोदी : अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को बुलेट ट्रेन के जरिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन साल का कार्यकाल गुजरने के बाद भी यह घोषणा जमीन पर नहीं उतरी है, ऐसे में केन्द्र को जल्दी करनी चाहिये, क्योंकि अगली बार उसे मौका नहीं मिलेगा।
पीएम मोदी से देश के बड़े बाबू हैं ‘परेशान’

पीएम मोदी से देश के बड़े बाबू हैं ‘परेशान’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक के दौरान देश के आला अधिकारियों को काफी तैयारी के साथ आना पड़ रहा है। सीनियर अधिकारियों को पुराने वादों के एक-एक शब्द की ताजा स्थिति के बारे में पीएम को अवगत करना पड़ रहा है।
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