सरकार ने आज कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के प्रावधान वाले मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को संसद के आगामी बजट सत्र में पेश करने के पूरे प्रयास किये जायेंगे।
केंद्र की मोदी सरकार के लिए 2017 का साल करो या मरो का होगा। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार कैसे 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए नोटबंदी से हुए संभावित 2.20 लाख करोड़ रुपये के लाभ का इस्तेमाल करती है।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।
कांग्रेस के पूर्व विधायक पांडुरंग मडकाईकर के गोवा भाजपा में शामिल होने के चलते दो केंद्रीय मंत्रियों मनोहर पर्रिकर एवं श्रीपद नाईक के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। नाईक ने दावा किया कि इस बारे में उनसे विचार-विमर्श नहीं किया गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) को भरोसा है कि अगर सबकुछ सही रहा तो इबोला का 100 प्रतिशत प्रभावी टीका त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया के तहत वर्ष 2018 में उपलब्ध हो सकता है।
भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने आज कहा कि वह टीम के 2018 में होने वाले इंग्लैंड दौरे से पहले काउंटी क्रिकेट खेलना पसंद करेंगे। कोहली अब तक दो साल पहले के इंग्लैंड दौरे को नहीं भूले हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, अगर मुझे मौका मिला तो मैं ऐसा करना पसंद करूंगा। मैं वहां एक महीने तक जाना चाहूंगा, दौरे से एक या डेढ़ महीना पहले जाकर मैं वहां के हालात में खेलने का आदी होना और वहां का विकेट साल के उस विशेष समय में किस तरह बर्ताव करता है, देखना चाहूंगा।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 रूपये के पूराने नोटों पर रोक से जनता को हो रही कठिनाई को लेकर इसके खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए सड़कों पर उतरने की घोषणा की है।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए जनमत संग्रह कराने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि कुछ मुद्दे संसद से ऊपर चले जाते हैं और इन मुद्दों पर जनता की राय नहीं लेना बड़ी समस्या है।
देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल विश्वविद्यालय में पिछले दो साल से गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक वाकये से जेएनयू प्रशासन भी त्रस्त हो गया है। एक साल पहले यहां के छात्र नेता ने देश विरोधी नारे लगाए ऐसी खबरों के बीच अब एक और छात्र नजीब के लापता होने से विश्वविद्यालय फिर गलत कारणों से खबरों में आ गया है।