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Search Result : "uttar Pradesh progressive scheme"

आय घोषणा योजना का ऑडिट कर सकता है कैग, व्यक्तिगत घोषणाओं का नहीं

आय घोषणा योजना का ऑडिट कर सकता है कैग, व्यक्तिगत घोषणाओं का नहीं

भारतीय नियंत्राण एवं महालेखा परीक्षक :कैग: हाल में समाप्त हुई कालाधन खुलासा योजना आय घोषणा योजना :आईडीएस: का ऑडिट कर सकता है, लेकिन वह योजना के तहत की गई घोषणाओं का आडिट नहीं करेगा। संभवत: कैग इसके लिए अपनाई गई प्रक्रिया और उसके प्रदर्शन का ऑडिट करेगा।
मप्र में स्थानीय नेताओं पर भारी ‘बाहरी’

मप्र में स्थानीय नेताओं पर भारी ‘बाहरी’

यूं तो हर राज्यसभा में होता है कि वहां से सांसद होने के लिए भौगोलिक सीमाएं पत्थर पर खींची हुई लकीर नहीं होती हैं। फिर भी मध्य प्रदेश कुछ मायनों में अलग है। तमिलनाडु के पार्टी अध्यक्ष इला गणेशन के मध्य प्रदेश से राज्यसभा में नामित होने के बाद कई स्थानीय नेता और दूसरे उत्तर भारतीय नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया।
यूपी चुनाव : प्रगतिशील पंचायत में भाजपा मुस्लिमों की समस्‍याएं सुनेगी

यूपी चुनाव : प्रगतिशील पंचायत में भाजपा मुस्लिमों की समस्‍याएं सुनेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी चुनाव से पहले मुस्लिम समुदाय को पार्टी की तरफ आकर्षित करने के लिए प्रगतिशील पंचायत के आयोजन का फैसला किया है। जिसमें मुस्लिमों के उत्थान और उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। मोदी सरकार 'प्रगतिशील पंचायत' के नाम से देशभर में आयोजन करने के साथ साथ मुस्लिमों की समस्या का समाधान तुरंत ढूंढने की कोशिश भी करेगी।
अरूणाचल में चीन की नापाक हरकत, महीने के शुरू में किया था घुसपैठ

अरूणाचल में चीन की नापाक हरकत, महीने के शुरू में किया था घुसपैठ

लद्दाख सेक्टर के बाद चीनी सैनिकों की एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश में सीमा से लगे भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार इस महीने की शुरूआत में चीनी सैनिक अरूणाचल प्रदेश के दूरस्थ भारतीय क्षेत्र में 45 किलोमीटर अंदर तक आ गए और इस बात का दावा करने के लिए अस्थायी शिविर का निर्माण किया कि वह भूभाग उनका है। इलाके से मिली रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
मप्र के नौकरशाहों में जनता से जुड़नेे की नहीं है रुचि

मप्र के नौकरशाहों में जनता से जुड़नेे की नहीं है रुचि

सूबे की भाजपा सरकार के पुरजोर प्रयासों के बाद भी प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर जनता से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने से हिचक रहे हैं। अधिकारियों का आम आदमी से कोई सीधा संवाद नहीं है। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया के जरिए सरकार के कामकाज का फीडबैक ले रहे हैं। और जनता से जुड़कर लोक कल्‍याण के कार्यों में अधिक योगदान देना चाहते हैं।
पतंजलि के उत्पाद अब मध्य प्रदेश के सहकारी दुकानों में बेचे जाएंगें

पतंजलि के उत्पाद अब मध्य प्रदेश के सहकारी दुकानों में बेचे जाएंगें

मध्यप्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्रा प्रभार) विश्वास सारंग ने शनिवार को बताया कि सहकारिता विभाग में बदलते समय के साथ नवाचार करते हुए प्रदेश की सहकारी राशन की दुकानों और ग्रामीण कृषि ऋण सोसायटी (पैक्स) दुकानों पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पादों को बेचा जाएगा।
दलित भोजन : राहुल के लिए उसे उधार लेना पड़ा 10 किलो आटा

दलित भोजन : राहुल के लिए उसे उधार लेना पड़ा 10 किलो आटा

आज की राजनीति में दलितों के घर भोजन करने की नई परंपरा चल पड़ी है। नेताओं को इस बात का जरा भी भान नहीं कि दलित गरीब उनके भोजन आयोजन के लिए अनाज और अन्‍य समान कहां से लाएगा। यूपी में चल रही इस राजनीति में ताजा वाकया कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी से संबंधित है।
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका, 43 विधायक पीपीए में हुए शामिल

अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका, 43 विधायक पीपीए में हुए शामिल

अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के 43 विधायक पीपीए में श्‍ाामिल हो गए हैं। पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है। विधायकों के साथ मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी पीपीए का दामन थाम लिया है। 60 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 46 विधायक हैं, जबकि 11 विधायक भाजपा के हैं।
भाजपा का राज : मध्‍यप्रदेश के बच्‍चे पढ़ाई में है सबसे पीछे, एनसीईआरटी की रिपोर्ट

भाजपा का राज : मध्‍यप्रदेश के बच्‍चे पढ़ाई में है सबसे पीछे, एनसीईआरटी की रिपोर्ट

मध्‍य प्रदेश में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस रिपोर्ट से झटका मिल सकता है। प्रदेश सरकार सूबे में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्‍तर बेहतर करने की लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में एनसीईआरटी की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश सरकार के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।
देश में लड़कियों की मौत में मध्य प्रदेश और असम अव्वल

देश में लड़कियों की मौत में मध्य प्रदेश और असम अव्वल

देश में सबसे ज्यादा शिशुओं की मृत्यु भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश में होती है। यह खुलासा रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की एसआरएस 2014 रिपोर्ट में हुआ है।
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