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सरकार के विरोध के चलते नेहरू मेमोरियल के तीन सदस्य बदले गए, अरनब गोस्वामी को मिली जगह

सरकार के विरोध के चलते नेहरू मेमोरियल के तीन सदस्य बदले गए, अरनब गोस्वामी को मिली जगह

मोदी सरकार ने नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसायटी के तीन सदस्यों को बाहर रास्ता दिखा दिया...
डीएमके अध्यक्ष बनने के बाद पहले भाषण में बोले स्टालिन, मोदी सरकार को हमें सिखाना है सबक

डीएमके अध्यक्ष बनने के बाद पहले भाषण में बोले स्टालिन, मोदी सरकार को हमें सिखाना है सबक

द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) का अध्यक्ष बनने के बाद एमके स्टालिन ने अपना पहला भाषण दिया। भाषण में...
तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी ने किया एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन

तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी ने किया एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने डॉ. कलाम के परिजनों से मुलाकात की।
शिवसेना के मंत्री बोले- ‘गांधी का स्मारक बन सकता है, तो फिर बालासाहेब का क्यों नहीं’

शिवसेना के मंत्री बोले- ‘गांधी का स्मारक बन सकता है, तो फिर बालासाहेब का क्यों नहीं’

शिवसेना के नेता और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब महात्मा गांधी के लिए स्मारक बन सकता है तो फिर बाला साहब के लिए क्यों नहीं।
मोदी ने शिवाजी स्मारक का शिलान्यास किया, उद्धव भी मौके पर थे मौजूद

मोदी ने शिवाजी स्मारक का शिलान्यास किया, उद्धव भी मौके पर थे मौजूद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई के तट के पास 3600 करोड़ रुपये में तैयार होने वाले शिवाजी महाराज स्मारक का शिलान्यास किया। भव्य स्मारक के लिए यह कार्यक्रम नगर निकाय चुनावों के कुछ महीने पहले ऐसे समय आयोजित हुआ जब 17वीं सदी के महान शासक की विरासत पर दावा करने के लिए राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष जारी है।
हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफ्रेसर अमर्त्य सेन ने अपने नाम ‘अमर्त्य’ से अपनी बात शुरू करते हुए बताया कि कैसे गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने उनका नाम रखा और अपने चाचा जोतिर्मय सेन के अंग्रेजों की गुलामी के प्रति संघर्ष जारी रखा ताकि देश आजाद हो सके। लेकिन क्या वाकई देश वैसा ‘आजाद’ हुआ है। यह बात उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के राजेन्द्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला में कहे। उन्होंने इंडियन पीनल कोड से बात शुरू करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में बहुत सी बाते रखीं।
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