अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया अपने वीजा नियमों में बदलाव कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बदलाव का असर भारत सहित अन्य देशों पर पड़ने वाला है। लिहाजा भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी सरकार से विचार विमर्श करने को कहा है।
बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिये 95,000 से अधिक अस्थायी विदेशी कर्मचारियों द्वारा उपयोग किये जा रहे वीजा कार्यक्रम को आस्ट्रेलिया ने मंगलवार को समाप्त कर दिया। इन कर्मचारियों में ज्यादातर भारतीय हैं।
अमेरिका के एक प्रमुख सीनेटर ने कहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की जरूरतों के आधार पर एच।बी कार्य वीजा की संख्या को बढ़ाने और कम करने की जरूरत है। ये वीजा भारतीय तकनीकविदों और आईटी कंपनियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
अमेरिका वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आगामी 3 अप्रैल से एच-1बी कार्य वीजा के लिए आवेदन शुरू करेगा। हालांकि, इस वीजा कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। भारतीय आईटी कंपनियों तथा पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है।
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन को एच-1 बी वीजा मामले में अपनी स्थिति पर फिर से विचार करना चाहिये, यदि वह वीजा कटौती के अपने रुख पर आगे बढ़ता है तो यह भारत-अमेरिका संबंधों में एक भावनात्मक अवरोध बन खड़ा हो सकता है। यह बात भारत के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कही।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के पीछे राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए मांग की कि केंद्र सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई या अन्य समुचित एजेंसी से करानी चाहिए। गौरतलब है कि नजीब 15 अक्तूबर से लापता है। एक रात पहले ही उसका परिसर में अभाविप सदस्यों के साथ कथित तौर पर विवाद हुआ था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम बहुल राष्ट्रों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के बाद अमेरिका आने से रोके गए हजारों लोग एक बार फिर वहां आने की कोशिश में जुट गए हैं। इन लोगों के लिए उम्मीद की किरण बना है ट्रंप के आदेश को चुनौती देने वाला अदालती फैसला।
भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज ने सरोद उस्ताद अमजद अली खान को वीजा देने से इनकार किए जाने की खबर पर यह कहते हुए ब्रिटेन के गृह विभाग से स्पष्टीकरण मांगा कि इस फैसले से भारत-ब्रिटेन संबंध को गहरा नुकसान पहुंचेगा।
भारत की ओर से चीन के तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि बढ़ाने से इनकार किए जाने पर चीन के एक सरकारी दैनिक अखबार ने सोमवार को चेतावनी दी है कि यदि यह कदम एनएसजी में भारत की सदस्यता हासिल करने की कोशिश में चीन द्वारा उसका साथ न दिए जाने की प्रतिक्रिया है तो इस बात के गंभीर परिणाम होंगे