देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में सात प्रतिशत बढ़कर 3,708 करोड़ रुपये रहा।
नोटबंदी के बाद बैंकों की ब्याज दरों में कटौती के बावजूद उधारी कारोबार में ऐतिहासिक गिरावट आई है। 23 दिसंबर को बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है। एसबीआई के चीफ इकॉनमिस्ट सौम्य कांति घोष के मुताबिक क्रेडिट ग्रोथ का यह 60 साल का निचला स्तर है।
इस्पात व रिफाइनरी उत्पाद क्षेत्रों के प्रभावी प्रदर्शन के चलते बुनियादी ढांचा क्षेत्र ने अक्तूबर महीने में 6.6 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज की जो कि बीते छह महीने में सर्वाधिक है।
नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी और इससे निकट भविष्य में वृद्धि कमजोर पड़ेगी। हालांकि, दीर्घावधि में इससे कर राजस्व बढ़ेगा और यह तेजी से राजकोषीय मजबूती में तब्दील होगा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
इस बार धनतेरस पर रत्न एवं आभूषणों की बिक्री में करीब 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि बेहतर मानसून तथा उपभोक्ता मांग बढ़ने की वजह से धनेतरस पर आभूषणों की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
सरकार निर्यातकों की लॉजिस्टिक्स लागत तथा कराधान से संबंधित प्रमुख समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रही है, जिससे देश के निर्यात को प्रोत्साहन दिया जा सके। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित सम्मेलन निर्यात में दो अंकीय वृद्धि के लिए रणनीतियां को संबोधित करते हुए यह बात कही।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: के लागू होने से मध्यम अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। बहुपक्षीय संगठन ने यह भी कहा है कि भारत ने सुधारों के मोर्चे पर प्रगति दिखायी है और इससे व्यापार निवेश में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
सरकार ने आज कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग, पारदर्शी प्रक्रिया और व्यापार सुगमता से भारत को अगले एक-दो साल में 8.0 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि केंद्र इस संदर्भ में राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
केंद्र सरकार के रोजगार सृजन पर जोर के बावजूद देश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। श्रम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश की बेरोजगारी दर 2015-16 में पांच प्रतिशत पर पहुंच गयी जो पांच साल का उच्च स्तर है।महिलाओं के मामले में बेरोजारी दर उल्लेखनीय रूप से 8.7 प्रतिशत के उच्च स्तर पर जबकि पुरूषों के संदर्भ में यह 4.3 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा केंद्र की भाजपा शासित सरकार के लिये खतरे की घंटी हो सकती है जिसने देश में समावेशी वृद्धि के लिये रोजगार सृजित करने को लेकर मेक इन इंडिया जैसे कई कदम उठाये हैं।
राज्यों को इस साल केंद्र से राजस्व में हिस्सेदारी के तहत जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है क्योंकि इस बार उन्हें पेटोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क के हिस्से के तहत 24,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।