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Search Result : " अमृतसर"

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन शुरू

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन शुरू

चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान समेत 14 देशों के वरिष्ठ अधिकारी और 17 सहयोगी देशों के प्रतिनिधि अफगानिस्तान के जटिल सुरक्षा परिदृश्य और आतंकवाद, कट्टरता और उग्रवाद के खतरे से निपटने के मुद्दे समेत कई व्यापक विषयों पर विचार-विमर्श के लिए भारत के पंजाब प्रांत के धार्मिक शहर अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं।
स्मार्ट सिटी की तीसरी लिस्ट जारी, वाराणसी समेत 27 शहर बनेंगे स्मार्ट

स्मार्ट सिटी की तीसरी लिस्ट जारी, वाराणसी समेत 27 शहर बनेंगे स्मार्ट

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को स्मार्ट शहरों की तीसरी लिस्ट जारी की। स्मार्ट सिटी की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध अमृतसर और अजमेर समेत 27 शहर शामिल हैं।
पलट गईं सिद्धू की पत्नी, कहा भाजपा में ही हूं

पलट गईं सिद्धू की पत्नी, कहा भाजपा में ही हूं

अप्रैल फूल डे पर फेसबुक के माध्यम से भाजपा छोड़ने की घोषणा करने वाली पंजाब भाजपा की मुख्य संसदीय सचिव नवजोत कौर सिद्धू ने आज कहा कि सब कुछ ठीक है और वह पार्टी में बनी हुई हैं। अमृतसर से भाजपा के पूर्व सांसद और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा कि उनकी शिकायतें दूर कर दी गई हैं।
अमृतसरः सीमा पर गोलीबारी के बीच दस करोड़ की हेरोईन बरामद

अमृतसरः सीमा पर गोलीबारी के बीच दस करोड़ की हेरोईन बरामद

पंजाब के अमृतसर सेक्टर में भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ पाक तस्करों की हुई गोलीबारी के बीच सुरक्षा बलों ने एक-एक किलो के दो पैकेट हेरोईन बरामद किए हैं जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में दस करोड़ रुपये कीमत आंकी गई है।
अमृतसर-मुंबई रूट का किराया अब भी तीन गुना, सरकार खामोश

अमृतसर-मुंबई रूट का किराया अब भी तीन गुना, सरकार खामोश

जाट आंदोलन का फायदा उठाते हुए घरेलू विमानन कंपनियों द्वारा उंचा किराया वसूलने का सिलसिला जारी है। कुछ विमानन कंपनियां अमृतसर-मुंबई मार्ग पर 300 प्रतिशत अधिक यानी 23,000 रुपये तक किराया ले रही हैं। वहीं सरकार ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह विमानन कंपनियों से टिकट के किराये कम करने का सिर्फ आग्रह कर सकती है। मौजूदा जाट आंदोलन के दौरान कई विमानन कंपनियों ने अपने किरायों में असामान्य बढ़ोतरी की है।
केजरीवाल को निरंकारी समागम में जाना पड़ सकता है मंहगा

केजरीवाल को निरंकारी समागम में जाना पड़ सकता है मंहगा

पंजाब में चुनावी माहौल के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में होने वाले निरंकारी संत समागम में जाना मंहगा पड़ सकता है। पंजाब में चुनावी गहमागहमी शुरू हो चुकी है। मुक्तसर में होने वाले माघी मेले में आम आदमी पार्टी भी चुनाव का बिगुल फूंक रही है। गौरतलब है कि इस मेले में हर राजनीतिक दल अपना-अपना पंडाल लगा शक्ति प्रदर्शन करता है। एक ओर केजरीवाल दिल्ली में सिख दंगा पीड़ितों को चैक बांट रहे हैं दूसरी ओर सिखों के धुर विरोधी निरंकारी समागम में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।
अमृतसर के उपायुक्‍त कार्यालय में आग

अमृतसर के उपायुक्‍त कार्यालय में आग

पंजाब के अमृतसर में जिला उपायुक्त कार्यालय में भयानक आग लग गई इस कार्यालय का रिकार्ड रूम चंदन की लकड़ी से बना हुआ था। इस रिकार्ड रूम में भारत पाकिस्तान बंटवारे से पहले के दस्तावेज रखे हुए थे, जिनमें लाहौर से संबंधित दस्तावेज भी शामिल थे। आग इतनी भयानक थी कि अग्निशमन विभाग की लगभग दो दर्जन गाड़ियां इस आग को बुझाने में लगी हुईं थी। आग को बुझाने लिए सेना तथा वायुसेना से भी मदद मांगनी पड़ी।
पंजाब के चार जिलों में सेना तैनात

पंजाब के चार जिलों में सेना तैनात

पंजाब के चार जिलों में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता देख सेना को तैनात कर दिया गया है। बीते एक सप्ताह से सिखों के पवित्र गंथ्र गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर पंजाब में तनाव और हिंसा का माहौल बना हुआ था। इस मामले में सबसे पहले हुई घटना में दो लोगों की मौत हो चुकी है।
भुल्लर को अमृतसर भेजना राजनीतिक कदम

भुल्लर को अमृतसर भेजना राजनीतिक कदम

दिल्ली में 1993 के बम विस्फोट मामले में दोषी करार दिए गए प्रो. देवेन्दर पाल सिंह भुल्लर को कड़ी पुलिस सुरक्षा में दिल्ली की तिहाड़ जेल से अमृतसर के केंद्रीय कारागार ले जाया गया। एंबुलेंस में लाए गए भुल्लर को दिल्ली पुलिस की सशस्त्र टीम की सुरक्षा में लाया गया। इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। वर्ष 2017 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे एक राजनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

मिसरा बेशक यह साहिर लुधियानवी के गीत का है लेकिन अफसानानिगार सआदत हसन मंटो पर सटीक बैठता है। ताउम्र ढोंग, तमाशे और साहित्य की राजनीति से दूर रहने वाले मंटो ने कहा था- ‘ हर शहर में बदरौएं और मोरियां मौजूद हैं जो शहर की गंदगी को बाहर ले जाती हैं। हम अगर अपने मरमरी गुसलखानों की बात कर सकते हैं, अगर हम साबुन और लैवेंडर का जिक्रकर सकते हैं तो उन मोरियों और बदरौओं का जिक्र क्यों नहीं कर सकते जो हमारे बदन की मैल पीती हैं।‘ मंटो की 100वीं जन्मशताब्दी से लेकर आज तक उनके नाम पर उनके तथाकथित मुरीदों ने राजनीति, तमाशा और ढोंग ही किया है। मंटो के इन मुरीदों को वह सब चाहिए जो मंटो को नहीं चाहिए था। मंटो के माएने तो यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
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