जाट आंदोलन के कारण हरियाणा से जल आपूर्ति में कटौती किए जाने पर दिल्ली सरकार ने कल राजधानी में स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है। यह घोषणा जल संकट से निपटने के लिए शहर में पानी के नियंत्रित वितरण की नीति के तहत की गई है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने जाट समुदाय की आरक्षण की मांग का समर्थन करते हुए आज कहा कि विरोधी पार्टियों खासकर हरियाणा की भाजपा सरकार को इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उसे तत्काल लागू करना चाहिये।
कोटे की मांग को लेकर जारी जाटों के हिंसक प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने आज साफ तौर पर कहा कि भीड़ से बात नहीं की जा सकती और राज्य सरकार के साथ परस्पर संवाद के लिए उन्हें एक समिति गठित करनी चाहिए।
विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।
हरियाणा की भाजपा सरकार की मुसीबत यह है कि अगर उसने जाटों पर सख्ती की तो इसका असर उत्तर प्रदेश में होगा जहां जाटों के समर्थन के बूते पार्टी अगले साल सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है। पार्टी की इस मजबूरी की वजह से आंदोलनकारियों पर सख्ती नहीं हो पाई और यह तूल पकड़ गया।
हरियाणा में आरक्षण को लेकर चल रहे हिंसक आंदोलन के लिए कांग्रेस ने भाजपा को जिम्मेवार ठहराया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि भाजपा-आरएसएस तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के चलते देश को धर्म व क्षेत्रवाद पर बांटने की साजिश रच रहे हैं।
आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जाटों का आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 21 लोग घायल भी हो गए। हिंसा पर उतारू भीड़ ने राज्य के वित्त मंत्री के मकान पर हमला बोल दिया और आगजनी की।
हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में सर्वसम्मति से आंदोलन खत्म करने की अपील की गई। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे पर बिल लाने का भी आश्वासन दिया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों पर आधारित किताब, दि टर्बुलेंट ईयर्स:1980-1996 का गुरुवार को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया। किताब में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने लिखा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का गलत निर्णय था। मुखर्जी ने बाबरी विध्वंस को पूर्ण विश्वासघात करार दिया जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी।