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Search Result : " जन्म भूमि"

हर जन्म मोहे बिटिया ही दीजो

हर जन्म मोहे बिटिया ही दीजो

हरियाणा के गांव किनाना के रहने वाले संजय के घर में बेटी पैदा होने पर जश्न मनाया गया। ऐसा पहली दफा हुआ कि बेटी होने पर किसी ने गांव में जश्न मनाया हो। इस मौके पर गांव के लोगों को भोजन करवाया गया और डीजे और ढोल-नगाड़ों के साथ नाच-गाकर कुआं पूजन करवाया गया।
बेटी के जन्म पर जकरबर्ग का ऐलानः कंपनी का 99 फीसदी हिस्सा दान करेंगे

बेटी के जन्म पर जकरबर्ग का ऐलानः कंपनी का 99 फीसदी हिस्सा दान करेंगे

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने अपने घर बेटी के जन्म के घोषणा की है। बेटी का नाम मैक्स रखा गया है। जकरबर्ग ने घोषणा की है कि वह अपनी ज्यादातर दौलत अपनी जिंदगी में ही दान कर देंगे ताकि उनकी बेटी दुनिया में एक बेहतर जगह बना सके। अपने फेसबुक पेज पर जकरबर्ग ने लिखा कि वह और उनकी पत्नी प्रिसिला अपने जीवनकाल में ही कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का 99 प्रतिशत हिस्सा दान कर देंगे। जकरबर्ग और प्रिसिला ने अपनी बेटी मैक्स को लिखे एक पत्र में यह लिखा।
जन्म से ही मिलेगा दलित का दर्जा, स्‍कूल देंगे जाति प्रमाण-पत्र

जन्म से ही मिलेगा दलित का दर्जा, स्‍कूल देंगे जाति प्रमाण-पत्र

केंद्र सरकार की ओर से तैयार कराए जा रहे दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र में उसके दलित होने का जिक्र किया जा सकता है। इसके अलावा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को जाति व मूल निवास प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

डेढ़ दशक पहले बने झारखंड में पहली बार गैर आदिवासी मुख्यमंत्री ने राज्य की सत्ता संभाली है। बीते वर्षों में यह राज्य घोटालों और राजनीतिक अस्थिरताओं के कारण चर्चा में रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यह राज्य विकास के मामले में लगातार पिछड़ता रहा। करीब नौ महीने के कार्यकाल में रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ किया। उनसे आउटलुक के विशेष संवाददाता कुमार पंकज ने सरकार की योजनाओं और विकास को लेकर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
अब राज्‍यों में लड़ेंगे भूमि अधिग्रहण की लड़ाई: राहुल गांधी

अब राज्‍यों में लड़ेंगे भूमि अधिग्रहण की लड़ाई: राहुल गांधी

भूमि अधिग्रहण कानून के मुद्दे पर सरकार को झुकाने की विजय के तौर पर आयोजित किसान रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि मोदी अब राज्‍यों के जरिये भूमि अध्‍यादेश को लागू कराना चाहते हैं इसलिए अब यह लड़ाई अब राज्‍यों में लड़ी जाएगी। दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी केंद्र सरकार पर खूब हमला बोला।
भू अधिग्रहण पर सरकार का यू टर्न, कांग्रेस और किसानों की जीत : राहुल

भू अधिग्रहण पर सरकार का यू टर्न, कांग्रेस और किसानों की जीत : राहुल

भूमि अधिग्रहण कानून पर सरकार के पिछे हटने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे कांग्रेस समेत किसानों की जीत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों और मजदूरों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
लैंड बिल पर झुकी मोदी सरकार, भूमि अध्यादेश दोबारा नहीं

लैंड बिल पर झुकी मोदी सरकार, भूमि अध्यादेश दोबारा नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लेने का ऐलान किया है। मोदी सरकार ने संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक के लिए चार बार अध्‍यादेश जारी किया, लेकिन इसे संसद में पास नहीं करा सकी। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और अब यूपीए सरकार के समय बना भूमि अधिग्रहण कानून ही लागू होगा। पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों ने किसानों के मन में भय पैदा करने की कोशिश की लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते थे।
अब बिहार को सब्जबाग दिखा रहे हैं मोदी : राहुल

अब बिहार को सब्जबाग दिखा रहे हैं मोदी : राहुल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार को सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि सेनाकर्मियों को वन रैंक, वन पेंशन का वादा करके मुकरने वाले मोदी अब बिहार की जनता को भी सब्जबाग दिखा रहे हैं।
आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
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