कवि-कहानीकारों के लिए वैसे तो हर दिन हिंदी का दिन होता है। लेकिन साल में एक दिन खास मनाया जाता है जो हिंदी के लिए कोने-कोने में प्रयासरत लोगों को एक मंच पर जुटा लाता है।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में वामपंथियों का दबदबा इस बार भी कायम रहा है। पहली बार अध्यक्ष पद पर सीपीआई समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) का उम्मीदवार जीता है लेकिन 14 साल बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) भी जेएनयूएसयू सेंट्रल पैनल में वापसी करने में कामयाब रही। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में सभी सीटों पर जीतने वाली एबीवीपी के लिए यह एक बड़ी सफलता है। हालांकि, जेएनयू अभी भी लेफ्ट का गढ़ है लेकिन एबीवीपी का असर बढ़ रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी को मिली सफलता से उत्साहित होते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन सफलताओं का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व प्रॉक्टर डॉ.जमशेद सिद्दीकी की प्रोफेसर पद पर नियुक्ति पिछले काफी समय से विवादों में है। इस बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) जमीरउद्दीन शाह से शिकायत भी की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब इस मसले पर उपराष्ट्रपति कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कुलपति कार्यालाय को मामले पर गौर करने के आदेश दिए हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में एमबीबीएस में फर्जी दस्तावेंजों समेत दाखिला लेने पहुंची उमइया मंजूर की गिरफ्तारी विश्वविद्यालय की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में हुई कथित धांधली की ओर इशारा करती है। उमइया ने जो एडमिट कार्ड पेश किया उसपर उसका रोल नंबर 2182008 अंकित था जो कि केरल में कोलीकोड सेंटर, फारूख कॉलेज (एएमयू की मेडिकल परीक्षा का सेंटर) की अमरूथा स्टीफन का रोल नंबर है। अमरूथा स्टीफन वह लडक़ी है जिसने कोलीकोड सेंटर से एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में टॉप किया है। गौरतलब है कि इस वर्ष 26 अप्रैल को एएमयू एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा के लिए देशभर के 11 शहरों में 79 सेंटर पर 73 एमबीबीएस और 22 बीडीएस सीटों के लिए 42,000 बाहरी छात्रों ने परीक्षा दी थी। जिसमें से केवल कोलीकोड सेंटर से पहली दफा 60 फीसदी छात्रों ने यह परीक्षा उतीर्ण की जबकि इससे पहल यह प्रतीशत मात्र 3 से 5 होता था।
राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
जैसे चीजें चल रही हैं, भारतीय अनुसंधान परिषद का नाम जल्द ही भारतीय इतिहास गोलमाल परिषद कर देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर सबसे पहले पहचान की एक गड़बड़ी को लें। भारत के गजट में अधिसूचित किया गया कि किन्हीं वी.वी हरिदास को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद का नया सदस्य नियुक्त किया गया है जो ‘कालीकट में इतिहास के प्रोफेसर’ हैं। जब इन हरिदास महाशय ने हिचकते हुए आईसीएचआर फोन करके कहा कि वह इससे बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं, तब पता चला कि यह वह हरिदास नहीं हैं जिनकी अनुशंसा मंत्रालय ने की थी। इतिहास में पीएचडी वी.वी हरिदास मंगलूर विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। लेकिन यह तो कोई दूसरे पी.टी हरिदास थे जिन्हें परिषद के लिए मनोनीत किया गया था हालांकि वह पी.एच.डी नहीं थे।