विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल मीरा कुमार इन दिनों पटना में हैं। अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील करने वाली मीरा कुमार भले ही आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बुरे वक्त में उनसे नहीं मिली, लेकिन प्रशंसा करने से पीछे नहीं हटीं।
'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में दलित का मुकाबला दलित से, जैसी चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन जब उच्च जाति के उम्मीदवार होते हैं तो उनकी जाति की चर्चा नहीं की जाति। मीरा कुमार ने कहा कि जाति को जमीन में गाड़ देना चाहिए।