प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को किसानों, राज्यों और केंद्र सरकार सहित सभी हितधारकों से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
लाल बहादुर शास्त्री नेतृत्व के सूत्र पुस्तक का विमोचन जाने-माने समाजसेवी अण्णा हजारे ने किया। लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री और पवन चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक के विमोचन अवसर पर हजारे ने कहा कि शास्त्री जी के पद्चिन्हों पर चलने के लिए युवाओं का आह्वान किया।
कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी के दिन उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे पर आधारित पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम का नवगठित गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने विरोध किया है।
प्रतिवर्ष 14 जनवरी को पंजाब के मुक्तसर जिले में होने वाला ऐतिहासिक माघी मेला इस दफा अलग होगा। पहली दफा यहां आम आदमी पार्टी की भी कॉन्फ्रेंस करेगी। इससे पहले कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल के अलावा यहां तमाम खालिस्तान समर्थक राजनीतिक पार्टियां ही कॉन्फ्रेंस किया करती थी। पंजाब के मामले में खास बात यह है कि किसी ने पंजाब के मतदाता की नब्ज भांपनी हो या किसी राजनीतिक पार्टी का जनाधार देखना हो वह माघी मेले में जरूर जाता है। इसे राजनीतिक पार्टियों का शक्ति प्रदर्शन कहा जा सकता है।
पंजाब में चुनावी माहौल के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में होने वाले निरंकारी संत समागम में जाना मंहगा पड़ सकता है। पंजाब में चुनावी गहमागहमी शुरू हो चुकी है। मुक्तसर में होने वाले माघी मेले में आम आदमी पार्टी भी चुनाव का बिगुल फूंक रही है। गौरतलब है कि इस मेले में हर राजनीतिक दल अपना-अपना पंडाल लगा शक्ति प्रदर्शन करता है। एक ओर केजरीवाल दिल्ली में सिख दंगा पीड़ितों को चैक बांट रहे हैं दूसरी ओर सिखों के धुर विरोधी निरंकारी समागम में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।
दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में अतिथि देश चीन के प्रकाशकों ने गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीनी लेखकों की किताबें पेश की हैं।
सबसे ज्यादा प्रतीक्षित कार्यक्रम का अवॉर्ड यदि पुस्तक मेले के नाम किया जाए तो भी गलत नहीं होगा। किसी भी पर्व-त्योहार से ज्यादा इस मेले को लेकर उल्लास रहता है। हर साल दिल्ली के प्रगति मैदान में लाखों की संख्या में पुस्तक प्रेमी जुटते हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के लिए अब भारत और दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई तेज करना तथा अपने जीवनकाल में बाल दासता को समाप्त कर देना मिशन बन गया है।
भारत भर के तमाम पाठक, लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेले के प्रशंसक हर बरस मेले की बाट जोहते हैं। इस साल यह मेला हर साल की तरह प्रगति मैदान में 9 से 17 जनवरी 2016 को होगा।