ऐसे समय जब पूरी दुनिया आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही है पतंजलि आयुर्वेद ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अपना कारोबार दोगुने से भी अधिक बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने वर्ष के दौरान छह प्रसंस्करण इकाइयों पर 1,150 करोड़ रुपये निवेश की भी योजना बनाई है।
भारत, अमेरिका और सिंगापुर सहित दुनियाभर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन की बुनियादी आर्थिक समस्याओं से ज्यादा चिंतित नजर आ रही हैं। एसोचैम के एक दस्तावेज के मुताबिक, इन कंपनियों को आशंका है कि ग्रीस संकट की तुलना में चीन की खराब अर्थव्यवस्था का विश्व के वित्तीय और कमोडिटी बाजारों पर ज्यादा असर पड़ेगा।
वर्ष 2008 की वैश्विक मंदी की सटीक भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री और आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने चेतावनी दी है कि विश्व अर्थव्यवस्था के सामने 1930 जैसी महामंदी का खतरा पैदा हो सकता है।
सिंगापुर में निर्माण गतिविधियों में नरमी और विदेशी कामगारों की नियुक्ति को लेकर कड़े नियमों के चलते भारत व बांग्लादेश में 10,000 से ज्यादा लोगों की नौकरी की आस अधूरी रह गई है।