बच्चों को अपराध से रोकने के साथ-साथ उन पर होने वाले जुल्म से बचाने के लिए किशोर न्याय अधिनियम लागू हो गया है। इसके तहत बच्चों से मारपीट करने पर अभिभावक को भी सजा का प्रावधान है।
अशोक स्तंभ का जो स्वरुप हमारा राष्ट्रीय चिह्न है, वह अशोक स्तंभ का वास्तविक स्वरुप नहीं है। दरअसल असल अशोक स्तंभ में एक चक्र ऊपर भी था जिसमें 32 तीलियां थीं। जब अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिह्न के तौर पर अपनाया जा रहा था तब एक सांसद ने इस ओर नेहरू का ध्यान आकृष्ट भी कराया लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।
संसद सत्र के अंतिम दिन परमाणु ऊर्जा (संशोधन) विधेयक सहित तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि परमाणु उर्जा के क्षेत्र में बनायी जाने वाली संयुक्त उद्यम कंपनी में 49 प्रतिशत तक की भागीदारी केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की होगी।
प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर कानून से उत्पादक राज्यों की तुलना में उपभोक्ता राज्यों को अधिक लाभ मिलेगा और इसके लागू होने से जीडीपी में दो प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है लेकिन संसद के मौजूदा सत्र में यह विधेयक कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों के साथ ही अधर में लटक चुका है।
संसद का एक और सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। हंगामे के कारण जीएसटी और रियल एस्टेट सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक अटक गए। यहां तक की लोकसभा में कल पेश हुआ बैंकरप्सी बिल भी ज्वाइंट कमिटी को भेज दिया गया है। इसके अलावा इंडियन फॉरेस्ट संशोधन विधेयक, सुगर सेश संशोधन विधेयक भी पारित नहीं हो पाया।
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस सांसदों की मांग थी कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस्तीफा देना चाहिए।
जुवेनाइल जस्टिस बिल आज राज्यसभा में पारित हो गया। नए कानून के जरिये जघन्य अपराध में नाबालिग को पुन: परिभाषित किया गया है। इस कानून के तहत जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के नाबालिगों को भी वयस्क मानकर मुकदमा चलाया जाएगा।
संसद के शीतकलाान सत्र के दौरान राज्यसभा में केवल चार ही विधेयक पारित हो पाए जबकि 13 विधेयक अभी भी लंबित हैं। लगातार हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हो रही है। इसलिए संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के सदस्यों से अनुरोध किया कि ज्यादा से ज्यादा विधेयक पारित कराए।