बिहार में शराबबंदी करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को भी उन राज्यों में शराबबंदी लागू कराने को कहा है, जहां जहां उसकी सरकारें हैं। कुमार ने जोद देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा शासित राज्यों में शराब बंदी जल्द से जल्द लागू करनी चाहिए। नीतीश ने रविवार को पटना में जनता दल यूनाइटेड के सदस्यता अभियान की शुरुआत करने के बाद पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
युग बदल गया है। अब कुरुक्षेत्र में सत्ता के लिए आमने-सामने संघर्ष नहीं होता। सोमनाथ से अयोध्या की रथयात्रा ने भारतीय जनता पार्टी को पहली बार सत्ता दिलाई। सोमनाथ की तरह काशी (बनारस-वाराणसी) भी आजादी के बाद राजनीतिक सत्ता संघर्ष का एक बड़ा केंद्र रहा है।
पूरे देश में शराबबंदी लागू कराने की इच्छाशक्ति के बहाने ही सही, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश का प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश भी जता दी है। नीतीश ने शराबबंदी को पहले झारखंड और उत्तर प्रदेश में लागू करने के साथ ही पूरे देश में इस पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की है। इसके बाद इसे वह महाराष्ट्र, उत्तराखंड और राजस्थान में लागू कराना चाहते हैं। इसी बहाने वह इन राज्यों में महागठबंधन की भी उम्मीद कर रहे हैं।
बिहार सरकार के राज्य में पूर्ण शराबबंदी के फैसले के खिलाफ एक दिन बाद बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने इसे सरकार द्वारा खाने पीने के मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है।
बिहार सरकार ने एक अहम फैसले में राज्य में आज से पूर्ण शराबबंदी लागू कर दिया है। इसके तहत अब राज्य में देशी शराब के साथ विदेशी शराब पर भी प्रतिबंध लग गया है।
चुनाव में शानदार जीत के साथ बिहार की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगले साल अप्रैल से राज्य में शराबबंदी लागू करने का ऐलान किया है। इस तरह नीतीश कुमार बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर पाबंदी लगाने का वादा निभाने जा रहे हैं।
अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है। इस एप्लीकेशन के जरिये अब ग्राहक अपनी पसंदीदा ब्रांड की शराब की वैधता परख सकेंगे।