पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की कथित चरमपंथी गतिविधियों के बारे में नया डोजियर तैयार किया है और इसे संयुक्त राष्ट्र तथा विदेशी राजदूतों को सौंपेगा।
एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने संयुक्त राष्ट्र की ओपन सोर्स टूल की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शीर्ष पुरस्कार जीता है। इस टूल की मदद से उपयोगकर्ता (यूजर्स) संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों को प्रभावी तरीके से देखने और सदस्य देशों की मतदान प्रक्रिया के बारे में गहरी समझ हासिल करने में सक्षम होंगे।
सीरिया के वायुसेना अड्डे पर मिसाइल हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और रूस के बीच टकराव हो गया है। अमेरिका ने जहां इस मसले पर और अधिक कार्रवाई की चेतावनी दी वहीं रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसकी आक्रामक कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का चयन संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में किया है। यह विश्व के किसी नागरिक को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए हवाई हमले शुरु कर दिए हैं। अमेरिका सीरियाई सरकार के हवाई ठिकानों पर 60 से ज्यादा मिसाइलें दाग चुका है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 10 देशों ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच संघर्ष को टालने की कोशिश करते हुए एक समझौता प्रस्ताव वितरित किया। यह प्रस्ताव सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले की पूर्ण जांच की मांग करने को लेकर दिया गया।
सरकार ने आज कहा कि उसे पूरा भरोसा है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता मिलेगी और वीटो शक्ति को लेकर वह नए और पुराने स्थायी सदस्यों के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं चाहती। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता मिलने का विश्वास जताया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समूहों के प्रमुख जैद राद अल-हुसैन ने इस बात पर हैरानी जतायी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूछताछ की प्रक्रिया के दौरान प्रताड़ना का समर्थन किया। जैद ने अमेरिका में प्रताड़ना की संभावना को पुनर्जीवित करने को पूरी तरह से निराशाजन बताया है।
सीरिया और इराक से बारूदी सुरंगों, देसी बमों और अन्य जिंदा बमों का सफाया करने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसके लिए लगभघ 40 से 50 वर्ष का समय लगेगा, तब जाकर सीरिया और इराक से जिंदा बमों का सफाया संभव हो सकेगा।