एक घटना के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह की कुत्ते संबंधी उपमा का उपयोग किए जाने को लेकर उन्हें मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग करते हुए कांग्र्रेस सांसदों ने राहुल गांधी के नेतृत्व में सोमवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया। उधर, वी के सिंह का बचाव करते हुए सरकार ने विपक्ष की ओर से उन पर दलित विरोधी टिप्पणी करने के संबंध में लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रही है।
अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है कि देश में केंद्र में किसकी और राज्य में किसकी सरकार है। खास कर जब धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की बात होगी। यह तय है कि बिना किसी भेदभाव के राज्य के पर्यटन स्थलों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
यदि फिल्मों का खुमार है तो रंगमंच की दीवानगी भी कुछ कम नहीं है। कुछ तो खास है मंच के इन किरदारों में कि दर्शक बेसब्री से चले आते हैं और इंतजार करते हैं, यवनिका के उठने का।
भारत ने अपेक्षाकृत कम स्कोर पर आउट होने के बाद दक्षिण अफ्रीका को भी दो झटके देकर तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच को शुरूआती दिन रोमांचक स्थिति में पहुंचा दिया। पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी भारत की पूरी टीम 78.2 ओवर में 215 रन पर आउट हो गई। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही और उसने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक नौ ओवर में 11 रन पर दो विकेट गंवा दिए।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के रिश्ते के पोते ने मोदी सरकार से नाराज होकर भाजपा की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व राष्ट्रपति के पोते ने सरकार से उनके बंगले को एक स्मारक में परिवर्तित करने की मांग की थी, पर सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया था।
बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से बौखलाई भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल असम विधानसभा के मद्देनजर अपनी रणनीति बदल ली है। सूत्रों के अनुसार, असम प्रदेश अध्यक्ष की कमान सिद्धार्थ भट्टाचार्य की जगह अब केंद्रीय खेलमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को सौंपी है।
आम भाषा में कहा जाए तो अब रसोइयों को भी पद्मश्री पुरस्कार मिल सकेगा। देश के नामी-गिरामी शेफ जिन्होंने भारत के साथ विदेश में भी नाम कमाया है उन्हें पद्मश्री दिए जाने की सिफारिश संस्कृति मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को भेजी है।
कीड़े-मकौड़ों की तस्वीरें खींचने का उसे ऐसा जुनून था कि वह इसके लिए घरवालों से चोरी जंगलों में मारा-मारा फिरने लगा। हर मध्यम वर्गीय परिवार के मुखिया की तरह उसके पिता का सपना था कि वह पढ़ाई कर एक अदद सी सरकारी नौकरी पा ले या घर की खेती संभाले लेकिन सपनों के पंख उसे जंगलों में जानवरों, पेड़ों, पानी और कीड़ों की दुनिया में ले जाते। जो चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं होते उनका संघर्ष कई गुना होता है, शायद इसीलिए उसने जानवरों और जंगलों की तस्वीरों को ही ओढ़ना, पढ़ना, खाना और जीना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि बिना फोटोग्राफी की कोई तालीम लिए इस 25 वर्षीय युवा वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सतपाल सिंह की गिनती दुनिया के बेहतरीन वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों में होने लगी। इस वर्ष का नेचर बेस्ट फोटोग्राफर एशिया अवॉर्ड सतपाल सिंह की एक तस्वीर को मिला है। इसी महीने 9 तारीख को इन्हें अमेरिका में सम्मानित किया जाएगा।
(वह तस्वीर जिसे अवॉर्ड मिला है।)