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भूकंपःभारतीय मीडिया–कंप से भी नाराज नेपाली

भूकंपःभारतीय मीडिया–कंप से भी नाराज नेपाली

नेपाल में भारतीय मीडिया के खिलाफ आक्रोश तेजी से फैलता जा रहा है। नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद वहां पर कवरेज के लिए गए भारतीय मीडिया के रवैये ने एक बड़े हिस्से को बेहद नाराज किया है। यह नाराजगी बाकायदा ट्विटर पर एक अभियान के रूप में सामने आई जिसके तहत एक अकाउंट खोला गया-गो बैक इंडियन मीडिया-और यह कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।
भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्‍वाइसेस’ या विकल्‍पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
महिला पत्रकार से दुर्व्यवहार, शिवसेना ने की माफी की मांग

महिला पत्रकार से दुर्व्यवहार, शिवसेना ने की माफी की मांग

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया के लिए आरक्षित आगे की कतार से एक महिला पत्रकार को हटने को कहा गया जिसपर विवाद उत्पन्न हो गया और शिवसेना ने कार्यक्रम के आयोजकों से माफी मांगने को कहा है।
सोशल मीडिया पर राहुल को दिग्विजय का ज्ञान

सोशल मीडिया पर राहुल को दिग्विजय का ज्ञान

लम्बी छुट्टी से लौटकर सियासी सक्रियता दिखा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को सलाह दी कि वह सोशल मीडिया पर आकर इस लोकप्रिय माध्यम का फायदा उठाए और अपने बारे में भाजपा के कथित दुष्प्रचार का जवाब दें।
सोनू निगम पर 'बैन' के खिलाफ सोशल मीडिया में उबाल

सोनू निगम पर 'बैन' के खिलाफ सोशल मीडिया में उबाल

गायक सोनू निगम ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास का समर्थन करने पर जी ग्रुप ने उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया है। सोनू निगम ने ट्वीट कर कहा है कि, तो जी ने मुझ पर बैन घोषित कर दिया है। मैं क्या कहूं, ईश्वर सब पर कृपा करें।
एवरेस्ट पर फिर आपदा

एवरेस्ट पर फिर आपदा

भूकंप ने नेपाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जाने वाले एवरेस्ट की कमर पर चोट की। ठीक एक साल बाद एवरेस्ट को फिर से आपदा ने घेरा। पिछली बार की ही तरह इस बार भी एवरेस्ट की चढ़ाई के चरम सीजन के दौरान आई आपदा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को गिरफ्त में लेने वाली अब तक की सबसे भयानक आपदा हो गई है।
टि्वटर पर झगड़े चेतन भगत और टि्वंकल

टि्वटर पर झगड़े चेतन भगत और टि्वंकल

टि्वंकल खन्ना को लेखक चेतन भगत का नच बलिए टीवी शो में जज बनना बिलकुल रास नहीं आया। उन्होंने अपनी भावनाएं भी नहीं छुपाईं और टि्वटर पर इसका इजहार भी कर दिया। चेतन ने पहले तो लोहा लेने की कोशिश की लेकिन आखिरकार उन्हें हार माननी ही पड़ी
सीमेंट के विज्ञापन में मॉडल बनीं मजदूर

सीमेंट के विज्ञापन में मॉडल बनीं मजदूर

अल्ट्राटेक सीमेंट का विज्ञापन दिखाना चाहता है कि उनकी सीमेंट से कैसी खूबसूरत इमारतें बनती हैं। इस खूबसूरती को दिखाने के लिए लगता है इस उत्पाद के विज्ञापन बनाने वालों को लगा होगा कि केवल खूबसूरत लोग ही खूबसूरत चीजें बना सकते हैं। खूबसूरती का अतिरेक दिखाता यह विज्ञापन मजदूरों का एक तरह से अपमान है
गजेंद्र की खुदकुशी पर सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

गजेंद्र की खुदकुशी पर सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

देश की संसद से महज चंद किलोमीटर दूर जंतर-मंतर पर राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तंगहाली और गरीबी से तंग गजेंद्र की मौत का तमाशा देखते रहे सभी। हजारों की तादाद में वहां लोग और पुलिसक्रमी मौजूद थे। सभी ने गजेंद्र को पेड़ पर चढ़ते हुए देखा और आत्महत्या की तैयारी करते हुए भी। देखते ही देखते गजेंद्र फंदे से झूल गया और चंद सेकेंड में उसके प्राण पखेरू उड़ गए। उस वक्त आप के तमाम बड़े नेता मंच पर मौजूद थे लेकिन भाषणबाजी का सिलसिला जारी रहा। सोशल मीडिया पर इस शर्मनाक घटना को लेकर जहां नेता, किसानों की बरबाद फसलों और मौतों पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं वहीं आम इंसान गजेंद्र की आत्महत्या से बेहद गुस्से में है।
पिपली लाइवः दिल्ली में किसान की जान के मायने

पिपली लाइवः दिल्ली में किसान की जान के मायने

शर्म इनको नहीं आती। एक किसान ने अपनी जान दी। उसने किस गहरे नैराश्य में डूबकर अपनी जिंदगी को फांसी लगाई, इस पर चर्चा करने के बजाय बाकी सारे पहलुओं पर बात पूरी बेहयायी के साथ बैटिंग चल रही है। किसान अपनी जेब में अपनी व्यथा की जो छोटी सी पुर्जी लेकर चल रहा था, वैसी ही पुर्जी लाखों किसानों ने आत्महत्या करने से पहले अपने दिलों में लिखी होगी।
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