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Search Result : " स्नेह प्रकाश बंसल"

नदियों के पानी के लिए किसी भी बलिदान को तैयार : बादल

नदियों के पानी के लिए किसी भी बलिदान को तैयार : बादल

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने एक दफा फिर से पानी का मुद्दा छेड़ दिया है। उन्होंने दावा किया कि पंजाब के पास किसी भी राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। यहां तक कि पानी की एक बूंद भी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह याद रखा जाए कि राज्य की नदियों के जल की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक बलिदान करने को तैयार हैं।
भारतीय मूल का आतंकी इराक में मारा गया

भारतीय मूल का आतंकी इराक में मारा गया

आईएस में लोगों की भर्ती करने वाला एवं आस्ट्रेलिया का सर्वाधिक वांछित भारतीय मूल का आतंकवादी नील प्रकाश इराक में अमेरिकी सैन्य हवाई हमलों में मारा गया।
भीषण आग में राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय खाक

भीषण आग में राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय खाक

मध्य दिल्ली में फिक्की की इमारत में स्थित राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में बीती देर रात लगी भीषण आग ने संग्रहालय को नष्ट कर दिया और वहां रखी जानवरों की खाल से बनाए गए उनके प्रतिरूप जैसी कई प्रदर्शनीय वस्तुएं जलकर खाक हो गईं।
समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

अपनी पुरानी फिल्म को झाड़-पोंछ कर दर्शकों के लिए फिर नया और देखने लायक कैसे बनाया जाता है यह तो प्रकाश झा से सीखा ही जाना चाहिए। शायद यही कारण है कि अपनी सफल फिल्म गंगाजल को झा ने जय गंगाजल नाम से फिर बना दिया।
भ्रष्टाचार समाप्त करने की दवाई सिर्फ हमारे पास: केजरीवाल

भ्रष्टाचार समाप्त करने की दवाई सिर्फ हमारे पास: केजरीवाल

पंजाब में मृतप्राय उद्योग धंधों को बहुत उंचाई तक ले जाने का आश्वासन देते हुए अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जालंधर में कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और इसे पूरी तरह खत्म करने की दवाई केवल हमारे पास है। उन्होंने दावा या कि इसे सिर्फ हम ही समाप्त कर सकते हैं।
जेएनयू के फरार छात्रों की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

जेएनयू के फरार छात्रों की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशद्रोह के मामले में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण से पहले सुरक्षा की मांग करने वाले जेएनयू के दो छात्रों की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। वहीं मगलवार को ही इन पांच छात्रों की गिरफ्तारी के लिए दायर एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई करने के लिए हाईकोर्ट राजी हो गया है। दोनों ही याचिकाओं पर मंगलवार को ही सुनवाई किए जाने की संभावना है।
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का निधन

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का निधन

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कोइराला का सोमवार की देर रात निमोनिया के कारण निधन हो गया। 79 वर्षीय कोइराला को बीते वर्ष सितंबर में देश के नए संविधान को लागू करने का श्रेय दिया जाता है।
जीएम सरसो के खिलाफ गरमा रही धरती

जीएम सरसो के खिलाफ गरमा रही धरती

केंद्र सरकार द्वारा जीम सरसो को मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया शुरू करने भर से विरोध हुआ तेज, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर को लिखा पत्र
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।