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मोदी के नोटबंदी का हश्र वही होगा जो कांग्रेस के नसबंदी का हुआ था: लालू

मोदी के नोटबंदी का हश्र वही होगा जो कांग्रेस के नसबंदी का हुआ था: लालू

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि मोदी के नोटबंदी के फैसले का हाल वही होगा जो कांग्रेस के नसबंदी के फैसले का हुआ था।
नोटबंदी के खिलाफ लालू यादव की पार्टी सड़कों पर उतरेगी

नोटबंदी के खिलाफ लालू यादव की पार्टी सड़कों पर उतरेगी

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 रूपये के पूराने नोटों पर रोक से जनता को हो रही कठिनाई को लेकर इसके खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए सड़कों पर उतरने की घोषणा की है।
नोटबंदी के समर्थन पर शाह ने नीतीश का किया स्‍वागत, लालू ने सोनिया से की बात

नोटबंदी के समर्थन पर शाह ने नीतीश का किया स्‍वागत, लालू ने सोनिया से की बात

जदयू के एनडीए में लौटने के कयासों के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नोटबंदी पर केंद्र सरकार का समर्थन करने के लिए बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की है। गौर हो कि इस तारीफ के लिए उन्होंने 'स्वागत है' शब्द का प्रयोग किया है।
ठाकुर की गुहार : देश में 500 जजों की कमी, नियुक्तियां करें

ठाकुर की गुहार : देश में 500 जजों की कमी, नियुक्तियां करें

न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच मतभेदों का सिलसिला अभी भी जारी है। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने एक बार फिर शनिवार को उच्च न्यायालयोें और न्यायाधिकरणों में न्यायाधीशों की कमी का मामला उठाया जबकि विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने जोरदार तरीके से इससे असहमति व्यक्त की।
नोटबंदी पर समर्थन के बाद भाजपा के संपर्क में नी‍तीश कुमार

नोटबंदी पर समर्थन के बाद भाजपा के संपर्क में नी‍तीश कुमार

बिहार की राजनीति में नए समीकरण आने वाले दिनाें में देखे जा सकते हैं। नोटबंदी पर पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले का समर्थन करने के बाद अब बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की भाजपा के एक बड़े नेता से मुलाकात की खबर सामने आ रही है। राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले की खुलकर आलोचना की है वहीं नीतीश कुमार ने इसकी प्रशंसा की।
नोटबंदी पर लालू का प्रहार, मोदी बताएं 15-15 लाख रुपए लोगों के खातों में कब आएंगे

नोटबंदी पर लालू का प्रहार, मोदी बताएं 15-15 लाख रुपए लोगों के खातों में कब आएंगे

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने नोटबंदी पर पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। उन्‍होंने साफ कहा है कि पीएम मोदी अपने वादे के मुताबिक क्‍या आगामी 35 दिनों में जनता की परेशानियों का अंत कर देंगे? नहीं तो बताएंं कि वह और कितने दिन जनता को तड़पाएंगे? लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी से सवाल भी किए हैं।
संसद सत्र : मंत्रियों-सांसदों को छोड़ किसी और का इंटरव्यू नहीं ले पाएंगे पत्रकार

संसद सत्र : मंत्रियों-सांसदों को छोड़ किसी और का इंटरव्यू नहीं ले पाएंगे पत्रकार

संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से अारंभ हो रहा है। संसद में गहमागहमी रहेगी यह तय है। सत्र से पहले नोटबंदी के अलावा सरकार के एक और फैसले ने चौंका दिया है। सत्र प्रारंभ होने से पहले लोकसभा सचिवालय ने मीडियाकर्मियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक मीडियाकर्मियों से कहा गया है कि संसद परिसर में मंत्रियों और सांसदों के अलावा किसी अन्‍य नेताओं के इंटरव्‍यू नहीं लिए जाएंगे।
नंदिनी के खिलाफ कार्रवाई से पहले उन्हें नोटिस दे छत्तीसगढ़ सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नंदिनी के खिलाफ कार्रवाई से पहले उन्हें नोटिस दे छत्तीसगढ़ सरकार: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि राज्य में एक आदिवासी व्यक्ति की कथित हत्या से जुड़े मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर और अन्य के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने से पहले उन्हें चार हफ्तों का अग्रिम नोटिस दे।
'नोटबंदी : 15 लाख नहीं मिले तो समझिए जनता का फेक एनकाउंटर हो गया'

'नोटबंदी : 15 लाख नहीं मिले तो समझिए जनता का फेक एनकाउंटर हो गया'

नोटबंदी के बाद देशभर के विपक्षी राजनैतिक दल पीएम मोदी और भाजपा सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। राष्‍ट्रीय जनता दल अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी पीएम मोदी पर हमला किया है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि अगर नोटबंदी के बाद भी देश की जनता के खाते में 15 लाख रुपए नहीं आए तो समझिएगा नोटबंदी एक तरह से फर्जिकल स्‍ट्राइक थी। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यह आम जनता का फेक एनकाउंटर भी कहा जा सकता है।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
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