कुल ड्रेसेस, कूल डायलॉग, कूल फ्रेंड्रस। ऐसा लगता है कि कॉलेज मस्ती की कोई डॉक्यूमेंट्री चल रही है और बस दर्शक 146 मिनट खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। सब कुछ इतना कूल है कि फिल्म कोल्ड स्टोरेज से निकाली गई मालूम पड़ती है। नूर फिल्म की समीक्षा बस इतनी ही है। फिल्म है तो थोड़े बहुत ट्विस्ट एंड टर्न्स तो होंगे ही। निर्देशक ने अपने चरित्रों को स्थापित करने और कहानी समझाने में ही आधा वक्त बर्बाद कर दिया है। धीमी रफ्तार तो बस जान ही ले लेती है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा पत्र जारी किया।जिसमें दिल्ली की साफ-सफाई के साथ 10 रूपय में भोजन देने का भी वादा किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के शीर्ष नेता फारुख अब्दुल्ला को राष्ट्रवादी करार देते हुए पत्थरबाजों पर दिए बयान पर उनका समर्थन किया है। सिन्हा ने यह भी जोर देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी अलगाववादियों से बातचीत के समर्थन में थे। तो क्या ऐसे में वह भी एंटी नेशनल हो जाते हैं।
मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह (मनोज सिन्हा) डॉन ब्रजेश सिंह के साथ मिलकर उनकी हत्या करा सकते हैं। अंसारी ने कहा कि मनोज सिन्हा, ब्रजेश सिंह और उनके भाई मेरे राजनीतिक दुश्मन हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद आज वो दिन आ गया है जब यूपी मुख्यमंत्री को लेकर पिछले सात दिनों से चल रहा सस्पेंस आज खत्म हो जाएगा। आज शाम 4.30 बजे विधायक दल की बैठक के बाद सीएम का नाम तय होगा। विधायकों की बैठक में शामिल होने के लिए मोदी मंत्रिमण्डल में नगर विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू और पार्टी महामंत्री तथा राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव भी यूपी जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में नए मुख्यमंत्री को लेकर फैसला भले ही आज शाम को होना हो, लेकिन वेबसाइट ‘विकीपीडिया' ने केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का नाम पहले ही राज्य के 21वें मुख्यमंत्री के रुप में दर्ज कर दिया है।
मोदी सरकार में संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के संसदीय क्षेत्र गाजीपुर में इस बार भाजपा लहर में भाजपा ने 3 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया। गाजीपुर और जमनिया विधान सभा क्षेत्रों पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए, वहीं जखनिया से भाजपा की सहयोगी पार्टी भारतीय समाज पार्टी की विजय हुई है।
फिल्म जगत में अपने करीब दो दशक के करियर में मनोज बाजपेयी ने कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं लेकिन अभिनेता का मानना कि ये आपको और काम दिलाने के वादे के साथ नहीं आते लेकिन असली प्रतिभा को पहचान जरूर देते हैं।