संजय गुप्ता की जज्बा के साथ ऐश्वर्या राय बच्चन बड़े परदे पर वापसी करने वाली हैं। लेकिन दूसरे बॉलीवुड कलाकारों की तरह उन्हें भी ‘कम बैक’ शब्द से एलर्जी है।
संजीव चुतर्वेदी और अंशु गुप्ता को इस साल का रैमन मैगसायसाय सम्मान देने की घोषणा की गई है। संजीव चतुर्वेदी ने एम्स में मु्ख्य सतर्कता अधिकारी रहते हुए भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया। अंशु गुप्ता गूंज संस्था की संस्थापक हैं।
विदेश जाने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुरोध प्राप्त करने के 21 दिन के भीतर अपने फैसले की सूचना देना जरूरी है अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि अनुमति दे दी गई है।
सिविल सेवा परीक्षा में अव्वल रही अभ्यर्थी को करीब 53 प्रतिशत अंक मिले हैं और इस तरह संघ लोक सेवा आयोग द्वारा देश के शीर्ष नौकरशाहों के चयन के लिए आयोजित परीक्षा का कठिन पैटर्न पता चलता है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सन 2014 सिविल सर्विसेज परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए है। इस बार प्रावीण्य सूची में शुरुआती पांच में से चार लड़कियां है। इन लड़कियों में – पहले स्थान पर ईरा सिंघल, दूसरे पर रेनु राज, तीसरे पर निधि गुप्ता और चौथे स्थान पर वंदना राव ने कब्जा जमाया है। ईरा और निधि गुप्ता दोनों दिल्ली से हैं और वे दोनों ही भारतीय राजस्व विभाग में कार्यरत हैं।
इस साल से शुरू हुई अटकलों को विराम मिल गया है। अब यह तय हो गया है कि करीना कपूर राजकुमार गुप्ता की अगली फिल्म में काम करने को तैयार हैं। इसी साल की जनवरी में खबर आई थीं कि राजकुमार गुप्ता उन्हें अपनी नई फिल्म में लेना चाहते हैं, पर तारीख की समस्या के चलते कुछ भी तय नहीं था। अब इस महीने सलमान खान के साथ बजरंगी भाईजान के रीलिज होने के बाद वह इस फिल्म के लिए समय देंगी।
दिल्ली सरकार ने हाल ही में बजट पेश करते हुए मनोरंजन कर दोगुना करने की घोषणा की है जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। केबल टीवी सेवाओं और डीटीएच सेवाओं पर कर बढ़ाने का मतलब है कि उन्हें केबल बिल का ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा।
ग्रीनपीस इंडिया को तमिलनाडु सरकार के रजिस्ट्रार (संगठन) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस के जरिये इस संस्था के परिचालन और वित्तपोषण पर सवाल उठने के कारण संस्था का पंजीकरण रद्द करने की धमकी दी गई है।
कोलकाता में प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी संस्थान आईएसआई के निदेशक बिमल कुमार रॉय को उनके पद से हटा दिया गया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई इस आशंका के आधार की गई है कि वह अनुशासनहीनता एवं वित्तीय अनियमितता सहित नुकसान करने वाली कार्रवाई कर सकते हैं।
प्रख्यात लेखक और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने शनिवार को कहा कि 28 साल पहले मेरठ के हाशिमपुरा में हुए जनसंहार मामले में तत्कालीन सरकार ने पीएसी बल के विद्रोह के डर से समुचित कार्रवाई नहीं की थी और बाद में आई तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने भी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई गंभीर पहल करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश की।