रूनी ने इसी साल जुलाई में 13 साल मैनचेस्टर युनाइटेड में बिताने के बाद क्लब को अलविदा कह दिया था। इसके बाद रूनी ने अपने पुराने क्लब एवर्टन के साथ करार किया।
कैंसर से संघर्ष के बाद युवराज सिंह ने एक समय क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में सोचा था लेकिन कप्तान विराट कोहली के विश्वास ने उसे ऐसा करने से रोका और उस विश्वास पर खरा उतरना इस धाकड़ बल्लेबाज के लिये लाजमी था।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विशेषज्ञ जनरल कमर जावेद बाजवा ने आज पाकिस्तान के नए सैन्य प्रमुख के तौर पर पदभार संभाल लिया। बाजवा ने जनरल राहील शरीफ की जगह ली है जिन्होंने अपने भाषण में भारत को कश्मीर मुद्दे पर आक्रामक रूख अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी है।
दिल को छू लेने वाली एक पहल के तहत महाराष्ट्र में एक जिलाधिकारी ने बिल्कुल ही निराले अंदाज में सेवानिवृत्त हो रहे अपने ड्राइवर का सम्मान किया। जिलाधिकारी ने ड्राइवर को अपनी सजी-धजी सरकारी गाड़ी में पिछली सीट पर बिठाया और खुद गाड़ी चलाकर कार्यालय तक लेकर गए। सेवानिवृत्ति के दिन अपने उच्चाधिकारी से ऐसी सम्मानजनक विदाई पाकर चालक भाव विह्वल हो उठा।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी रिटायरमेंट की तैयारियों में जुटे हैं। जब वे राष्ट्रपति चुने गए थे, तब उन्होंने राष्ट्रपति भवन जाने के पहले कहा था कि वे राजनीतिक जीवन की सरगर्मियों को मिस कर रहे हैं। अब बतौर राष्ट्रपति कार्यकाल खत्म होने के बाद के जीवन के लिए चुपचाप तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के बाद उनका अगला ठिकाना 34, एपीजे अब्दुल कलाम रोड होगा। वहां वे अपनी पुरानी किताबें ले जाएंगे। बाकी चीजें वे राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय के लिए छोड़ देंगे।
राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच गुरबक्श सिंह संधू लंबे समय से भारतीय टीम से जुड़े हुए हैं लेकिन उन्होंने अगले महीने होने वाले ओलंपिक के बाद अपने पद से हटने का संकेत दिया, उन्होंने कहा कि वह रियो अभियान खत्म होने के बाद आराम करना चाहते हैं।
देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।
मोदी सरकार ने काम में लापरवाही बरतने वाले कामचोर अधिकारियों पर सख्त डंडा चलाना शुरू कर दिया है। सरकार ने निकम्मे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 33 कर अधिकारियों को समय से पहले ही सेवानिवृत्ति दे दी है।