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Search Result : " Sanjay Mishra"

विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

16 दिसंबर की शाम हिंदी भवन, दिल्ली में किताबघर प्रकाशन के संस्थापक पं. जगत राम आर्य के जन्मदिन पर कथाकार विवेक मिश्र को उनके उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान 2015’ प्रदान किया गया। यह सम्मान हर साल साहित्य की किसी एक विधा को प्रकाशन के संस्थापक श्री जगत राम आर्य की स्मृति में दिया जाता है। इस बार उपन्यास विधा की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई थीं। तीन सदस्य के निर्णायक मंडल, असगर वजाहत, प्रताप सहगल तथा अखिलेश ने विवेक मिश्र के उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ को इस सम्मान के लिए चुना।
शकूरबस्ती में बच्ची की मौत पर विवाद, केजरीवाल और केंद्र के बीच टकराव

शकूरबस्ती में बच्ची की मौत पर विवाद, केजरीवाल और केंद्र के बीच टकराव

दिल्ली में शकूरबस्ती इलाके में रेलवे के अतिक्रमण हटाओ अभियान के समय हुई एक बच्ची की मौत के बाद केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झुग्गियां तोड़ने के दौरान 6 महीने की बच्ची की मौत के मामले की जांच का आदेश दिया है। केजरीवाल ने भारी सर्दी में गरीबों को बेघर करने के रेलवे के अभियान को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। उधर, भाजपा और कांग्रेस ने इस मामले पर केजरीवाल सरकार पर हमला बोल दिया है।
अशोक मिश्र की कहानी: किरदार

अशोक मिश्र की कहानी: किरदार

सपनों की उम्र लघुकथा संग्रह। मीडिया का अंतर्पक्ष, संपादित पुस्तक। कहानी संग्रह दीनानाथ की चक्की शीघ्र प्रकाश्य। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से प्रकाशित पत्रिका बहुवचन के संपादक।
इतिहास के नहीं भंसाली के हैं बाजीराव

इतिहास के नहीं भंसाली के हैं बाजीराव

प्रदर्शन से पहले फिल्म बाजीराव मस्तानी विवादों में घिर गई है। बाजीराव पेशवा के वंशजों ने आरोप लगाया है, बाजीराव की पत्नियों काशीबाई और मस्तानी का फिल्म में चित्रण करते समय ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है।
बीसीसीआई में जासूसी के लिए कंपनी से करार नहीं हुआ था: संजय पटेल

बीसीसीआई में जासूसी के लिए कंपनी से करार नहीं हुआ था: संजय पटेल

पूर्व बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने शनिवार को अपने बचाव में कहा कि पिछले पदाधिकारियों के कार्यकाल के दौरान जिस ब्रिटिश स्थित कंपनी पेज प्रोटेक्शन सर्विसेस की सेवाएं ली गई थी, उसने उनके सचिव रहते हुए किसी बोर्ड अधिकारी की जासूसी नहीं की।
संजय को फिर खलनायक बनाएंगे भंसाली

संजय को फिर खलनायक बनाएंगे भंसाली

निर्देशक संजय लीला भंसाली संजय दत्त को दोबारा खलनायक बनाना चाहते हैं। बस जैसे ही उन्हें इसका ‘अधिकार’ मिलेगा वह इसकी तैयारी में जुट जाएंगे।
क्रिकेट के मैदान में फिर मुन्नाभाई, खरीदी एमसीएल टीम

क्रिकेट के मैदान में फिर मुन्नाभाई, खरीदी एमसीएल टीम

अभिनेता संजय दत्त के लिए क्रिकेट से लगाव कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार वह अपनी पत्नी मान्यता के सहयोग से दुबई में होने वाली मास्टर्स चैंपियंस लीग (एमसीएल) के लिए एक टीम खरीदी है। दरअसल, संजय दत्त अभी जेल में हैं और उनका कारोबार मान्यता ही संभाल रही है।
वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

हिंदी के मशहूर यारबाश कवि वीरेन डंगवाल हमारे बीच नहीं रहे। आउटलुक ने अगस्त, 2013 में दिल्ली में उनसे लंबी बातचीत का समां बांधा था। इसमें पुरानी मिठास की चाशनी के साथ सिरों को जोड़ने का जिम्मा उठाया था उनके पुराने दिनों के साथी, वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल ने। आज हम सब जब वीरेन डंगवाल के जाने से बेहद दुखी है, उन्हें शिद्दत से याद करने का सिलसिला जारी है। हम उनसे हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत फिर से साझा कर रहे हैं। कैंसर से जूझ रहे इस जिंदादिल कवि ने कितने गहरे सरोकारों की पोटली, जीवन दर्शन, 70 के दशक की बेचैनी, युवा पीढ़ी की सृजनशीलता...और भी बहुत कुछ जो जरूरी और बिसरा हुआ है, सबको पूरे अपनी संवेदना के साथ रखा था। इस संवाद से फिर-फिर गुजरकर, हाथ कुछ मोती ही लगेंगे---भाषा
चलताऊ गुंडे – मेरठिया गैंगस्टर

चलताऊ गुंडे – मेरठिया गैंगस्टर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शहर मेरठ और वहां के कम पढ़े-लिखे बेरोजगार लड़के। वैसे ही जैसे खाली दिमाग शैतान का घर टाइप होते हैं। छोटी मोटी छेड़खानी और गुंडागर्दी से ही जिनका काम चलता है एक दिन उस समूह के लड़के अचानक खुद को एक बड़े गैंग के रूप में पाते हैं।
शुरुआत से समापन तक फीका रहा विश्व हिंदी सम्मेलन

शुरुआत से समापन तक फीका रहा विश्व हिंदी सम्मेलन

विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
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