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राष्‍ट्रपति ने नेताजी की जर्मन कार को रवाना किया

राष्‍ट्रपति ने नेताजी की जर्मन कार को रवाना किया

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उस जर्मन कार को रवाना किया, जिसमें सवार होकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस कोलकाता के अपने पैतृक आवास से 1941 में अंग्रेजों को चकमा देकर नजरबंदी से भागे थे। इस कार की मरम्मत की गई है। राष्टपति इस कार में बैठे भी और कुछ दूरी तक सफर भी किया।
मानवाधिकार उल्लंघन पर चीन के राष्ट्रपति को लेखकों ने लिखा पत्र

मानवाधिकार उल्लंघन पर चीन के राष्ट्रपति को लेखकों ने लिखा पत्र

शनिवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर दुनिया भर के कई लेखकों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर भेजे गए पत्र में लेखकों ने राष्ट्रपति से इसे तत्काल रोकने की अपील की है।
देश में फिल्मकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है: प्रकाश झा

देश में फिल्मकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है: प्रकाश झा

अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
'ब्रिटिश से भारत काे जो नुकसान हुुआ, किसी भी क्षतिपूर्ति से नहीं हो सकता पूरा'

'ब्रिटिश से भारत काे जो नुकसान हुुआ, किसी भी क्षतिपूर्ति से नहीं हो सकता पूरा'

लेखक और नेता शशि थरूर ने कहा कि ब्रिटिश शासनकाल में भारत के लोगों पर जो भीषण अपराध किए गए, भारत को दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक बनाने वाले ब्रिटिशों द्वारा किसी भी तरह की क्षतिपूर्ति उसकी भरपायी नहीं कर सकती।
चेन्नई: जया ने हाथ में सूजन के कारण दस्तावेज पर लगाया अंगूठे का निशान

चेन्नई: जया ने हाथ में सूजन के कारण दस्तावेज पर लगाया अंगूठे का निशान

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने राज्य की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के चुनावी दस्तावेज पर अपने बाएं हाथ के अंगूठे का निशान लगाया है। गौरतलब है कि जयललिता का पिछले एक महीने से चेन्नई के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
फिल्मों को लैंगिक नजरिए से देखे जाने की जरूरत : राहुल बोस

फिल्मों को लैंगिक नजरिए से देखे जाने की जरूरत : राहुल बोस

अभिनेता-निर्देशक राहुल बोस का मानना है कि लोगों को लैंगिक नजरिए से फिल्में देखने की जरूरत है और यह विश्लेषण भी करना चाहिए कि बड़े पर्दे पर आ रही कहानियों में क्या पुरूषों और महिलाओं को समान महत्व दिया जाता है।
मार्कंडेय काटजू की नजर में अब गांधी फ्राड और पाखंडी

मार्कंडेय काटजू की नजर में अब गांधी फ्राड और पाखंडी

अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू ने गांधी जंयती पर महात्मा गांधी को लेकर वैचारिक हमला किया है। काटजू ने गांधी को फ्राड और पाखंडी बताया है। उन्‍होंने कहा है कि गांधी की वजह से देश को आजादी नहीं मिली है। फेसबुक पर काटजू ने पोस्ट में लिखा- कौन सही है- गांधी या भगत सिंह और सूर्य सेन? काटजू ने लिखा- जब 1938 में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री नेविले चेम्बरलिन जर्मनी से म्यूनिख समझौता करके लौटे थे तो विपक्ष के नेता विस्टन चर्चिल ने कहा था कि आपके पास युद्ध या अपमान में से विकल्प चुनने का अधिकार है और आपने अपमान चुना।
स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अच्छी खबर, पेंशन में 20 प्रतिशत का इजाफा

स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अच्छी खबर, पेंशन में 20 प्रतिशत का इजाफा

भारत सरकार ने देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की मासिक पेंशन में करीब पांच हजार रूपये की वृद्धि की घोषणा की है। इस दायरे में अंडमान द्वीप में बनी सेल्युलर जेल में उस काल में कैद किए गए और ब्रिटिश शासन वाले भारत की सीमा से बाहर रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल हैं।
राफेल सौदे को अंतिम रूप देने भारत आएंगे फ्रांस के रक्षा मंत्री

राफेल सौदे को अंतिम रूप देने भारत आएंगे फ्रांस के रक्षा मंत्री

फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली डियान 22 सितंबर को भारत आ रहे हैं। इस दौरान उनके साथ देसाल्त एविएशन, थेल्स और एमबीडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी होंगे ताकि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के 7.87 अरब यूरो के सौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
बलूचिस्तान की आजादी : आंदोलनकारी समर्थन मांगने बागपत और मेरठ पहुंचे

बलूचिस्तान की आजादी : आंदोलनकारी समर्थन मांगने बागपत और मेरठ पहुंचे

बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे शीर्ष आंदोलनकारी भारत से आजादी की मुहिम के लिए समर्थन मांगने उप्र के बागपत और मेरठ पहुंचे हैं। दोनों जिलों में बलूचिस्तान मूल के लोगों से पाकिस्तान से मुक्ति दिलाने के लिए समर्थन के साथ हरसंभव मदद करने की अपील की। आंदोलनकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना की क्रूरता और दमन के खिलाफ भारत में भी जल्द अ¨हसात्मक आंदोलन शुरू किया जाएगा।लंबे अरसे से पाकिस्तान का अवैध कब्जा हटाकर स्वशासन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बलूचिस्तान के कई शीर्ष नेताओं ने बागपत और मेरठ के कई गांव में रह रहे बलूचियों से मुलाकात की और अपने पूर्वजों की निशानी देखी। बलूच नेताओं ने आजादी के संघर्ष और पाक की बर्बरता की दास्तां सुनाई तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए।
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